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Putin Education: कितने पढ़े-लिखे हैं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन? जानें कितनी हैं डिग्रियां
Vladimir Putin Education: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत दौरे पर आ रहे हैं। इस बीच सभी जानना चाहते हैं कि पुतिन कितने पढ़े-लिखे हैं? कैसे उन्होंने दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में जगह बनाई। जानें व्लादिमीर पुतिन की पढ़ाई और करियर।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कितने पढ़े-लिखे हैं?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज यानी 4 दिसंबर को भारत दौरे पर आ रहे हैं और उनकी हर गतिविधि पर दुनिया की नजरें टिकी हैं। उनकी राजनीति, रणनीति और कड़े फैसलों की तरह उनकी पर्सनल लाइफ भी हमेशा रहस्य से भरी रही है। यही वजह है कि जब भी पुतिन सुर्खियों में आते हैं, लोग यह जरूर जानना चाहते हैं कि आखिर दुनिया के सबसे पावरफुल नेताओं में शामिल यह शख्स कितना पढ़ा-लिखा है, किस बैकग्राउंड से आता है और किस तरह शिक्षित होकर रूस का सबसे प्रभावशाली नेता बना।
व्लादिमीर पुतिन का एजुकेशन क्वालिफिकेशन (Vladimir Putin Education)
बहुत कम लोगों को पता है कि पुतिन का राजनीतिक सफर जितना दिलचस्प है, उनका शैक्षणिक और शुरुआती करियर उससे भी ज्यादा रोचक है। व्लादिमीर पुतिन का जन्म 7 अक्टूबर 1952 को लेनिनग्राद (अब सेंट पीटर्सबर्ग) में हुआ। बचपन मुश्किल परिस्थितियों में बीता, लेकिन पढ़ाई को लेकर उनका रुझान शुरू से ही मजबूत रहा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लॉ की डिग्री हासिल की है। व्लादिमीर पुतिन के पिता व्लादिमीर स्पिरिडोनोविच पुतिन नौसेना में सिपाही रहे और बाद में रेगुलर सेना में शामिल हो गए। उनकी मां मारिया इवानोव्ना पुतिन एक फैक्ट्री में काम करती थीं। दिलचस्प बात यह है कि पुतिन के दादा स्पिरिडॉन पुतिन रूस के बड़े नेताओं व्लादिमीर लेनिन और जोसेफ स्टालिन के निजी शेफ हुआ करते थे।
कौन से स्कूल-कॉलेज से पढ़े हैं व्लादिमीर पुतिन?
व्लादिमीर पुतिन की पढ़ाई की शुरुआत 1960 में उनके घर के पास मौजूद स्कूल नंबर 193 से हुई। 8वीं के बाद उन्होंने स्कूल नंबर 281 में एडमिशन लिया, जिसे सोवियत सिस्टम में एक स्पेशलाइज्ड हाई स्कूल माना जाता था। उस समय सोवियत रूस में स्कूलों को नाम की जगह नंबर दिए जाते थे। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद व्लादिमीर पुतिन ने 1975 में लेनिनग्राद स्टेट यूनिवर्सिटी में लॉ (कानून) की पढ़ाई की। यह वही यूनिवर्सिटी है जहां उनके मार्गदर्शक अनातोली सोबचक थे, जो बाद में रूस में ग्लासनोस्त और पेरेस्त्रोइका जैसे सुधारों के बड़े चेहरे बने। लॉ पढ़ते समय पुतिन का झुकाव इंटेलिजेंस सर्विस की ओर बढ़ा और यहीं से उनकी जिंदगी बदल गई। पुतिन ने 1997 में इकोनॉमिक्स में पीएचडी की डिग्री भी ली।
व्लादिमीर पुतिन की पढ़ाई से सीधे जासूसी की दुनिया में एंट्री
कानून की डिग्री पूरी करने के बाद पुतिन की नियुक्ति सीधा KGB (Committee for State Security) में हो गई। यानी उन्होंने बाकायदा प्रशिक्षित जासूस की जिंदगी जी। KGB में उन्हें स्पेशल एजेंट ट्रेनिंग मिली। विदेशी इंटेलिजेंस मिशन पर भेजा गया। 6 साल तक उन्होंने ईस्ट जर्मनी के ड्रेसडेन में गुप्त रूप से काम किया। एक साधारण स्टूडेंट से जासूस बनने तक पुतिन ने जिस अनुशासन, माइंड स्ट्रेंथ और स्ट्रैटेजिक स्किल्स को विकसित किया, वही आगे चलकर उनकी राजनीतिक यात्रा की असली ताकत बनी।
जासूस से पॉलिटिक्स तक: जानिए कैसे बदली पुतिन की दिशा
1990 में KGB से इस्तीफा देने के बाद व्लादिमीर पुतिन अपनी यूनिवर्सिटी लौट आए और यहां Prorector बने, जहां उनकी जिम्मेदारी इंटरनेशनल रिलेशंस संभालना था। इसी दौरान उनके राजनीतिक गुरु अनातोली सोबचक ने उन्हें अपने साथ जोड़ लिया यहीं से पुतिन प्रशासन और राजनीति में तेजी से ऊपर चढ़ने लगे।
कैसे एक जासूस बना रूस का राष्ट्रपति ?
पुतिन का प्रशासनिक दिमाग और कानूनी शिक्षा उन्हें रूसी राजनीति में तेजी से आगे ले गई। धीरे-धीरे वे सेंट पीटर्सबर्ग के डिप्टी मेयर, क्रेमलिन के प्रमुख प्रशासक, FSB (KGB का नया रूप) के डायरेक्टर, सुरक्षा परिषद के सचिव और आखिरकार रूस के प्रधानमंत्री, फिर राष्ट्रपति बने। उनकी शिक्षा, जासूसी ट्रेनिंग, रणनीतिक सोच और कानून की मजबूत समझ ने उन्हें ऐसा नेतृत्व दिया, जैसा रूस ने दशकों में नहीं देखा।

