कौन हैं IAS निधि सिवाच जिन्होंने UPSC क्लियर करने के लिए अपनाई अनोखी रणनीति, खुद को एक ही कमरे में कर लिया लॉक !

आईएएस अधिकारी निधि सिवाच ऐस ऐसी यूपीएससी कैंडिडेट हैं जिन्होंने सफलता के लिए अनोखी स्ट्रैटजी बनाई। इन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए खुद को 6 महीने तक बंद रखा। हर तरह के डिस्ट्रैक्शन को खुद से दूर कर दिया। आगे पढ़े पूरी डिटेल।

करियर डेस्क. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। हर साल लाखों यूपीएससी कैंडिडेट इस परीक्षा को क्वालिफाई करने के सपने देखते हैं लेकिन कुछ ही हैं जो अपने इस सपने को पूरा कर पाते हैं। कैंडिडेट्स इस परीक्षा की तैयारी के लिए दिन-रात एक कर पढ़ाई करते हैं। कुछ तो ऐसे अनूठे तरीके आजमाते हैं जो औरों से बिल्कुल अलग होती है। यूपीएससी क्लियर करने के लिए ऐसा ही एक आश्चर्यजनक तरीका आईएएस अधिकारी निधि सिवाच ने अपनाया और यह उनके लिए इफेक्टिव भी साबित हुआ।

IAS बनने के लिए इंजीनियर की नौकरी छोड़ी

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हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली निधि सिवाच स्कूल में टॉपर थीं, उन्होंने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में 95% और 90% अंक हासिल किए थे। इसके बाद उन्होंने सोनीपत के दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। उन्हें अग्रणी तकनीकी फर्म टेक महिंद्रा में डिजाइन इंजीनियर के रूप में नौकरी मिल गई। हालांकि, सिवाच ने अपने अनूठे दृष्टिकोण के साथ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए 2017 में अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया।

यूपीएससी की तैयारी के लिए खुद को 6 महीने तक एक कमरे में बंद रखा

यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए और सही माहौल बनाने के लिए निधि सिवाच ने खुद को 6 महीने तक एक कमरे में बंद रखा था। उसने अपने रास्ते से सभी डिस्ट्रैक्शन को दूर करने का फैसला किया और परीक्षा में सफल होने के लिए अपना सारा समय पढ़ाई में समर्पित कर दिया।

निधि सिवाच की रणनीति शानदार ढंग से काम कर गई

यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि निधि सिवाच की रणनीति शानदार ढंग से काम कर गई क्योंकि युवा अभ्यर्थी अंततः अपने तीसरे प्रयास में 2018 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में पास होने में सफल रहीं। उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर टॉप 83वीं रैंक हासिल की, जिससे उनकी भविष्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी के रूप में पोस्टिंग सुनिश्चित हो गई।

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