पंडित जी ने हाथ देख कहा तेरे नसीब में सरकारी नौकरी नहीं, वो पहली बार में बन गया IAS अफसर

पंडित की भविष्यवाणी सुन नवजीवन का दिल बैठ सा गया। उन्होंने पंडित जी की बातों पर भरोसा तो कर लिया लेकिन अपनी जीत की तैयारी जारी रखी।

Kalpana Shital | Published : Jan 21, 2020 12:42 PM IST / Updated: Jan 22 2020, 11:39 AM IST

मुंबई.  देश में आईएएस अफसर बनने का सपना तो बहुत से बच्चे देखते हैं। पर ये सपना साकार बहुत कम बच्चों का ही पूरा होता है। यूपीएससी को देश की सबसे मुश्‍किल और प्रतिष्‍ठित परीक्षा माना जाता है। इसी परीक्षा को पास करने का सपना महाराष्ट्र के एक छात्र नवजीवन पवार ने भी देखा था। वो एक ज्योतिष के पास गए तो उसने हाथ देखते ही बोल दिया तेरे नसीब में तो सरकारी नौकरी है ही नहीं। 

पंडित की भविष्यवाणी सुन नवजीवन का दिल बैठ सा गया। उन्होंने पंडित जी की बातों पर भरोसा तो कर लिया लेकिन अपनी जीत की तैयारी जारी रखी। नवजीवन विजय पवार महाराष्ट्र से हैं। उनके पिता किसान और मां टीचर हैं। वे बचपन से ही पढ़ाई में अच्‍छे थे। उन्‍होंने स्‍कूली एजुकेशन पूरी करने के बाद सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का ठान लिया। 

दिल्‍ली में आकर शुरू की तैयारी 

नवजीवन यूपीएससी की तैयारी करने के लिए दिल्‍ली आ गए। यहां आकर उन्‍होंने पढ़ाई शुरू कर दी, लेकिन यहां नवजीवन ने तैयारी के लिए किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। वो सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस करते थे। यहां रहकर उन्‍होंने पढ़ाई शुरू की।

मेन्‍स एग्‍जाम में हुआ डेंगू

नवजीवन ने एक इंटरव्‍यू में बताया, मेन्स एग्जाम के एक महीने पहले मुझे तेज बुखार और शरीर में दर्द होने लगा। अस्पताल गए तो पता चला मुझे डेंगू हो गया है। मैं घर गया तो तुरंत अस्पताल में भर्ती कर दिया गया। अस्पताल में एक हाथ पर डॉक्टर इंजेक्शन लगा रहे थे और दूसरे हाथ में किताब थी।

फिर शुरू की तैयारी 

15 दिनों बाद जब नवजीवन को डेंगू से आराम मिला तो वापस लौटकर दिल्‍ली आए लेकिन अबकी बार वे काफी डिप्रेस हो चुके थे। वो काफी परेशान थे तब उनके दोस्‍त ने उन्‍हें हिम्‍मत बंधाई। फिर वो लगातार पढ़ाई करते रहे और एग्जाम दिए।

पंडित की भविष्यवाणी झुठला दी

नवजीवन पवार ने एक वीडियो इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने एक ज्योतिषी से अपनी नौकरी के बारे में पूछा था। उन्होंने हाथ देख कहा था कि सरकारी नौकरी नहीं लगेगी। उस पंडित के दावे को झुठलाते हुए नवजीवन पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर गए। 

किसान के बेटे नवजीवन ने न सिर्फ ज्योतिषी के दावे को झुठलाया, बल्कि मेन्स एग्जाम के दौरान डेंगू हो जाने के बावजूद भी पहले प्रयास में बिना कोचिंग के सफलता पाई। आखिरकार साल 2018 में नवजीवन की मेहनत रंग लाई। उन्‍होंने यूपीएससी की परीक्षा क्रैक कर 316वीं रैंक हासिल की थी। 

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