केन्द्रीय विद्यालय में सांसदों, DM का कोटा खत्म हुआ या रोक लगी? एक MP 10 छात्रों का करवा सकते थे एडमिशन

केन्द्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए सांसद पहली से नौवीं क्लास तक के बच्चों की एडमिशन के लिए सिफारिश कर सकते थे।  सांसदों के साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री के पास भी एडमिशन दिलाने का कोटा था।
 

Pawan Tiwari | Published : Apr 15, 2022 8:01 AM IST / Updated: Apr 15 2022, 02:07 PM IST

करियर डेस्क. केंद्रीय विद्यालय संगठन ( kendriya vidyalaya ) ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लिया है। अब सांसद और जिलाधिकारी कोटे ( MP And DM quota) से होने वाले एडमिशन (admission procedure) पर रोक लगा दी गई है। अब किसी भी सांसद या जिलाअधिकारी (कलेक्टर) की पैरवी पर किसी भी छात्र को एडमिशन नहीं दिया जाएगा। पहले एडमिशन के लिए सांसद अपने लेटर पैड पर केन्द्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल को लेटर लिखते थे। इस कोटो को खत्म करने की मांग सबसे पहले बीजेपी के राज्यसभा सासंद सुशील कुमार मोदी  उठाई थी। इसके लिए उन्होंने लेटर भी लिखा था। बता दें कि साल 1975 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में सांसद कोटा तय किया था। 

कितने छात्रों के होते थे एडमिशन
सुशील कुमार मोदी ने कहा था सांसद कोटे से 7,500 और कलेक्टर कोटे से 22,000 छात्रों के एडमिशन होते थे। बड़ी बात ये थी कि इस कोटे के तहत आरक्षण के नियमों का भी पालन नहीं होता था। इसके साथ ही छात्र की योग्यता भी नहीं देखी जाती थी।

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रोक लगने से फायदा
अब इसमें रोक लगा दी गई है। इसका सबसे बड़ा फायदा सीटे बढ़ने का होगा। कोटे पर रोक लगा देने से से केवल उन्हीं छात्रों को एडमिशन मिलेगा जो योग्य होगा। दूसरा फायदा सांसदों को भी होगा क्योंकि कोटे पर रोक लगाने से सांसद के लिए लोग एडमिशन की पैरवी के लिए नहीं पहुंचेंगे जिससे सांसदों के प्रति इस मुद्दे को लेकर नाराजगी नहीं होगी।  
 

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कोटा खत्म हुआ या रोक लगी है
कोटा खत्म किया गया है या इसपर रोक लगाई गई है। इसे लेकर अभी भी दुविधा की स्थिति है। हम आपका बता देते हैं। अभी यह रोक अस्थायी रूप से लगाई गई है। इसे पूरी तरह से खत्म नहीं किया है। केन्द्रीय विद्यालयों में जनप्रतिनिधि के लिए सीटें रिजर्व की गईं थी उसके हिसाब से ही सांसद एडमिशन के लिए पैरवी करते थे। 

क्या होता है सांसद कोटा?
केन्द्रीय विद्यालय में सांसद और जिलाधिकारी पैरवी के आधार पर 10 छात्रों को एडमिशन दिला सकते थे। लेकिन फिलहाल इसमें रोक लगा दी गई है। इस कोटे की शुरुआत केंद्रीय विद्यालयों में विशेष योजना के तहत की गई थी। लोकसभा और राज्यसभा सांसद के लिए सीटें तय की गईं थी।

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क्या कहा सुशील मोदी ने
बता दें कि केन्द्रीय विद्यालय में सासंदों का कोटा खत्म करने के लिए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने एक लेटर लिखा था। अब रोक लगाने के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने ट्वीट कर कहा- केंद्रीय विद्यालयों में सांसद और जिलाधिकारी कोटे से होने वाले लगभग 30 हजार दाखिले पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत है और मेरी मांग है कि यह कोटा स्थायी रूप से समाप्त किया जाए। 

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