केरल डॉ दंपति ने ब्रेस्ट कैंसर जांच के लिए बनाई अद्भुत डिवाइस, स्क्रीनिंग से करेगी इलाज के लिए अलर्ट

डॉ जोस ने कहा, यह सच है कि केरल में स्तन कैंसर के 50 प्रतिशत रोगी महिलाएं 50 साल से कम उम्र की हैं। अधिक से अधिक युवा महिलाएं इसकी शिकार हो रही हैं। ऐसे में इस डिवाइस की प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि रोगी किस स्टेज पर है जिसके बाद रोग का 90 प्रतिशत से अधिक इलाज संभव है। भारत में, स्तन कैंसर आज महिलाओं में सबसे आम कैंसर है।

करियर डेस्क.  केरल में एक डॉक्टर दंपति ने ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस के लिए नया अविष्कार किया है। उन्होंने कई अन्य डॉक्टरों की मदद से ये अद्भुत कारनामा कर दिखाया है। दरअसल, डॉक्टर दंपति ने एक डिवाइस विकसित किया है जो महिलाओं में स्तन कैंसर के जोखिम को डिटेक्ट कर सकता है। ये कैलकुलेटर जैसी डिवाइस है जो 7 सवालों के जवाब देने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम का स्तर बता सकती है। साथ ही महिलाओं को मेडिकल स्क्रीनिंग करके उन्हें अलर्ट करता है ताकि वो समय रहते डॉक्टर की परामर्श लें। इस मशीन को ब्रेस्ट कैंसर के लिए महिलाओं में सार्थक जागरूकता के तौर पर देखा जा रहा है।  

तिरुवनंतपुरम में श्री गोकुलम मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर डॉ रेगी जोस और उनके पति डॉ पॉल ऑगस्टीन ने ये अविष्कार किया है। टी'पुरम में क्षेत्रीय कैंसर केंद्र (आरसीसी) में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के प्रमुख डॉ पॉल ऑगस्टीन ने काफी रिसर्च के बाद स्तन कैंसर का जोखिम कम करने वाली ये डिवाइस बनाई है। डॉ ने केरल की महिलाओं में स्तन कैंसर बढ़ने के जोखिम के लिए गेल मॉडल का व्यापक अध्ययन किया था। 

Latest Videos

क्या कहती हैं गेल स्टडी? 

ये स्टडी डॉ जोस की थीसिस का एक हिस्सा थी। इस स्टडी में जून 2003 और मार्च 2005 के बीच आरसीसी में और T'puram के निगम क्षेत्रों में 1580 के नमूने लिए गए थे जिसमें स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाएं और स्वस्थ्य महिलाओं के सैंपल शामिल किए गए थे। इसमें पाया गया कि गेल मॉडल 'भारतीय महिलाओं के हिसाब से कम संवेदनशील' था। इस स्टडी में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने के कई कारण सामने आए जैसे- बढ़ती उम्र, पिछली स्तन बायोप्सी, जेनेटिक यानि किसी सगे-संबंधी को स्तन कैंसर होना, FLB और कम स्तनपान जैसी बातें। गेल के मानक भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर की परखने में कम अनुकूल थे। 

कैसे काम करेगी डिवाइस

डॉ जोस ने कहा,  “यहां महिलाओं के बीच गेल मॉडल की संवेदनशीलता केवल 14.2 प्रतिशत पाई गई और इसलिए यह यहां उपयोगी नहीं हो सकती थी। इसलिए मैंने ब्रेस्ट कैंसर को डिटेक्ट करने के लिए ये डिवाइस बनाई है। यह कैलकुलेटर डिवाइस 0 और 1 के बीच स्तन कैंसर की भविष्यवाणी कर सकता है। ”

डॉ जोस स्नेहिता एनजीओ की मेडिकल डायरेक्टर भी हैं। वो महिलाओं के बीच स्तन कैंसर को जागरूकता और मरीजों का पता लगाने का काम करती हैं। दरअसल, स्नेहिता की तकनीकी टीम ने डॉक्टरों के फार्मूले को एक ऑनलाइन कैलकुलेटर में बदल दिया। अब इस डिवाइस को कंपनी की वेबसाइट (snehita.in/risk) के माध्यम से आसानी से लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। 

हर 4 मिनट में एक महिला ब्रेस्ट कैंसर पीड़ित 

डॉ जोस ने कहा, यह सच है कि केरल में स्तन कैंसर के 50 प्रतिशत रोगी महिलाएं 50 साल से कम उम्र की हैं। अधिक से अधिक युवा महिलाएं इसकी शिकार हो रही हैं। ऐसे में इस डिवाइस की प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि रोगी किस स्टेज पर है जिसके बाद रोग का 90 प्रतिशत से अधिक इलाज संभव है। भारत में, स्तन कैंसर आज महिलाओं में सबसे आम कैंसर है। सर्वाइकल कैंसर के बाद ये महिलाओं में पाई जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है। हर 4 मिनट में एक महिला ब्रेस्ट कैंसर पीड़ित पाई जाती है। 

Share this article
click me!

Latest Videos

Delhi Election 2025 से पहले आम आदमी पार्टी के खिलाफ कांग्रेस ने खोला मोर्चा, शीशमहल पर भी उठाए सवाल
Arvind Kejriwal की Sanjeevani Yojana और Mahila Samman Yojana पर Notice जारी, क्या है मामला
ऐसा क्या बोले राजनाथ सिंह सभा में लगने लगे 'योगी बाबा' के नारे #Shorts #rajnathsingh
Shimla Snowfall: शिमला में बर्फ ही बर्फ, नजारे ऐसे की चौंक जाएंगे आप #Shorts
Delhi Election 2025 से पहले आतिशी के खिलाफ हो रही बड़ी साजिश #Shorts