जिंदगी में सिर्फ 5 बार ही रोए गुलाब नबी आजाद, राज्यसभा में खुद सुनाया था किस्सा

गुलाब नबी आजाद कांग्रेस से काफी नाराज चल रहे थे। शुक्रवार को उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने प्रचार समिति से भी खुद को अलग कर लिया था। एक बार उन्होंने बताया था कि अब तक की जिंदगी में सिर्फ पांच बार ही उन्हें रोना आया।

करियर डेस्क : कांग्रेस (Congress) के दिग्गज, वरिष्ठ और अनुभवी नेता गुलाब नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है। वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के खास रहे हैं। उनकी लोकप्रियता पार्टी के अंदर और बाहर काफी अच्छी रही है। वह काफी शालीन स्वभाव के माने जाते थे। इसकी बानगी साल 2021 में तब देखने को मिली थी जब राज्यसभा से उनकी आधिकारिक विदाई हो रही थी, तब पीएम मोदी (Narendra Modi) भी इमोशनल हो गए थे। गुलाब नबी आजाद ने एक बार अपने रोने का किस्सा सुनाया था और कहा था कि आजतक वे सिर्फ 5 बार ही उन्हें रोना आया है। आइए जानते हैं आजाद को कब-कब रोना आया...

आजाद को कब-कब रोना आया
साल 2016 की बात है। राज्यसभा का सत्र चल रहा था। तब गुलाब नबी आजाद बतौर नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस को लीड कर रहे थे। उस वक्त उन्होंने सदन में खुद के रोने का किस्सा सुनाया। उन्होंने सदन के सदस्यों को बताया की वे जिंदगी में सिर्फ 5 बार ही रोए या चिल्लाएं हैं। उन्होंने बताया कि जब संजय गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की मौत हुई, तब मैं फूट-फूटकर रोया था। इसके बाद ओडिशा की सुपर सूनामी में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) मुझे वहां भेजा था। जब मैं वहां पहुंचा तो समंदर में लाशें तैर रही थीं। मैंने देखा और कांप गया। तब मैं वहीं खूब रोया था। साल 2005 में जम्मू-कश्मीर में जब आतंकी हमला हुआ और 8 टूरिस्ट मारे तब भी मुझे खूब रोना आया और मैं चिल्लाया भी था। इसक घटना का जिक्र खुद पीएम मोदी ने भी किया था।

Latest Videos

पीएम मोदी ने सुनाया था वो किस्सा
जब फरवरी, 2021 में गुलाब नबी आजाद की राज्यसभा से विदाई होने लगी, तब पीएम मोदी भावुक हो गए थे। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा बताया- ;गुलाम नबी जी जब जम्मू- कश्मीर सीएम थे, तो मैं भी गुजरात का मुख्यमंत्री था। हमारी निकटता गहरी रही है। एक बार गुजरात के पर्यटकों पर आतंकी हमला हो गया। उस हमले में आठ लोग मारे गए। तब गुलाब नबी जी का फोन सबसे पहले मेरे पास आया। उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। वे लगातार इस घटना की निगरानी कर रहे थे। वे इस तरह चिंतित थे, जैसे मारे गए लोग उनके परिवार का सदस्य थे। मैं आजाद जी के प्रयासों और श्री प्रणब मुखर्जी जी के उस प्रयास को कभी नहीं भूल सकता जब रक्षा मंत्री रहते  हुए प्रणब मुखर्जी जी ने किया था। मैंने तब उनसे आग्रह किया था कि मृतकों का शव ले जाने अगर सेना का जहाज मिल जाए तो तब उन्होंने कहा चिंता मत करिए मैं व्यवस्था करता हूं। उस रात गुलाम नबी जी एयरपोर्ट पर थे।'

इसे भी पढ़ें
Zoology में मास्टर हैं गुलाब नबी आजाद, शायरी लिखने में है दिलचस्पी, फूलों से गजब का लगाव

नबी की शान में गुस्ताखी: कांग्रेस की फजीहत के लिए राहुल गांधी को बताया विलेन, 10 पॉइंट से समझिए पूरी पॉलिटिक्स

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

वोटिंग के बीच नरेश मीणा ने SDM को ही मार दिया थप्पड़, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच
टीम डोनाल्ड ट्रंप में एलन मस्क और भारतवंशी रामास्वामी को मौका, जानें कौन सा विभाग करेंगे लीड
UP CM Yogi Adityanath ने दिया अल्टीमेटम, भूलकर भी न करें ये गलती #Shorts
'Rahul Gandhi की चौथी पीढ़ी भी धारा 370...' Amit Shah ने भरी हुंकार, टेंशन में आ गई कांग्रेस
देव दिवाली पर कब जलाएं दीपक? क्या है शुभ मुहूर्त । Dev Deepawali 2024 Muhurat