5 बेटियों के जन्म पर ताने सुनने वाले मां-बाप का हुआ गर्व से सीना चौड़ा, 3 बेटी बनी अफसर तो 2 इंजिनियर

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक दंपति के घर पैदा हुई पांच बेटियों के लिए उन्हें ताने सुनने पड़ते थे। जिले की फरीदपुर तहसील के अंतर्गत चंद्रसेन सागर और मीना देवी के घर पहली संतान के रूप में बेटी का जन्म हुआ। फिर एक-एक कर पांच बेटियां हुईं। लोग 5 बेटियों के जन्म पर ताने मारने लगे।

Asianet News Hindi | Published : Dec 12, 2020 2:54 PM IST

करियर डेस्क. भारतीय समाज में रूढ़िवादी और घटिया सोच के लोग आज भी बेटी पैदा होने को बुरा मानते हैं। पुरुषसत्ता पर टिके इस समाज में महिला को हर चीज में कम आंका जाता है। ऐसे ही उत्तर प्रदेश के बरेली में एक दंपति के घर पैदा हुई पांच बेटियों के लिए उन्हें ताने सुनने पड़ते थे। जिले की फरीदपुर तहसील के अंतर्गत चंद्रसेन सागर और मीना देवी के घर पहली संतान के रूप में बेटी का जन्म हुआ। फिर एक-एक कर पांच बेटियां हुईं। लोग 5 बेटियों के जन्म पर ताने मारने लगे। लोगों ने कहा कि क्या अब इन्हें आईएएस बनाओगे। यह बात सच साबित हो गई। आज इन पाचों बेटियों ने अपने मां-बाप का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

दरअसल चंद्रसेन सागर की पांच में से तीन बेटियों ने यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) पास की। दो बेटियां आईएएस और तीसरी बेटी आईआरएस अधिकारी है। वहीं बाकी दो बेटियां भी इंजिनियर हैं।

Latest Videos

मां ने किया बेटियों को सपोर्ट

चंद्रसेन सागर ने बताया कि बेटियों के अफसर बनने में कड़ी मेहनत के साथ-साथ उनकी मां मीना देवी का काफी योगदान है। उनकी बेटियों की शुरुआती पढ़ाई बरेली के सेंट मारिया कॉलेज से हुई थी। इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड, इलाहाबाद और दिल्ली से बाकी की पढ़ाई पूरी की। तीनों बहनों के ने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी की। 

जब पहली बेटी बनी अफसर

चंद्रसेन की पहली बेटी अर्जित सागर ने 2009 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की। इसके बाद वह जॉइंट कमिश्नर कस्टम मुंबई में पोस्टेड हो गईं। अर्जित की शादी आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में हुई है। उनके पति भी आईएएस अफसर हैं। 

6 साल बाद वर्ष 2015 में दूसरी बेटी अर्पित को सफलता मिली। वह वर्तमान में वालसाड़ में डीडीओ पर तैनात हैं। सबसे छोटी बेटी आकृति सागर ने 2016 में दूसरे प्रयास में कामयाबी हासिल की। वह वर्तमान में जल बोर्ड की डायरेक्टर के रूप में सेवाएं दे रही हैं। 

दो बेटियां इंजीनियर 

तीसरे और चौथे नंबर की बेटी अश्विनी और अंकिता इंजिनियर हैं। वे अभी मुंबई और नोएडा में प्राइवेट जॉब कर रही हैं।

चंद्रसेन की बेटियों ने बताया कि उन्हें यूपीएससी की तैयारी करने की प्रेरणा अपने मामा से मिली। दरअसल, मामा अनिल कुमार वर्ष 1995 बैच के पश्चिम बंगाल काडर के आईपीएस अधिकारी थे। इन बेटियों का ख्वाब था कि वह अपने मामा की तरह बड़ी अफसर बनें। इस तरह मामा के नक्शेकदम पर चलकर लड़कियों ने पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया। 

Share this article
click me!

Latest Videos

मुजफ्फरनगर में क्यों भिड़ गए योगी के 2 मंत्री, जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं । Anil Kumar । Kapil Dev
Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में क्यों कराया जाता है कौवे को भोजन, क्या है महत्व
चीन को चैन से सोने न देगा ये ड्रोन, , Joe Biden - PM Modi ने पक्की की डील
अमेरिका ने लौटाया भारत का 'खजाना', 297 नायाब चीजों के साथ वापस लौटेंगे PM Modi । India America
Pitru Paksha 2024: बिना पैसा खर्च किए कैसे करें पितरों को खुश ?