राजस्थान में 21 सितंबर से खुलेंगे नॉन कंटेनमेंट जोन से बाहर के स्कूल, छात्र जान लें ये सभी नियम

स्कूलों को स्वास्थ्य मंत्रालय की सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा। सभी छात्रों और स्टाफ के सदस्यों को मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना अनिवार्य है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 20, 2020 10:54 AM IST

जयपुर: अनलॉक-4 की प्रक्रिया के तहत 21 सितंबर से राजस्थान में भी स्कूल खुलने की अनुमति राज्य सरकार से मिल गई है. इसके लिए राज्य के गृह विभाग ने गाइडलाइन भी जारी कर दी. 9वीं से 12वीं क्लास के छात्र अभिभावक की लिखित में अनुमति लेकर स्कूल जा सकते हैं।

स्कूल के 50 फीसदी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को ही अनुमति है। फिलहाल 30 सितंबर तक नियमत क्लास नहीं चलेगी, छात्र मार्गदर्शन के लिए अपनी मर्जी से स्कूल जा सकते हैं।

नॉन कंटेनमेंट जोन में ही स्कूल खोलने की अनुमति

स्कूलों को स्वास्थ्य मंत्रालय की सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा। सभी छात्रों और स्टाफ के सदस्यों को मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना अनिवार्य है। हालांकि नॉन कंटेनमेंट जोन में ही स्कूल खोलने की अनुमति होगी।

क्या होगा शिक्षा का तरीका

न तो स्कूलों और न ही कॉलेजों को फिजिकल टीचिंग की ओर बढ़ने को कहा गया है। दोनों को ऑनलाइन शिक्षा जारी रखना होगा और एक हाइब्रिड मॉडल का पालन किया जाएगा। आधिकारिक नोटिस में स्वास्थ्य मंत्रालय ने दोनों स्कूलों और कॉलेजों से कहा है कि वे अपने अकादमिक कैलेंडर को दुरुस्त करें ताकि परिसरों में भीड़-भाड़ से बचा जा सके।

स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के अनुसार, "एकेडमिक शेड्यूलिंग में रेगुलर क्लासरूम टीचिंग और ऑनलाइन टीचिंग/असेसमेंट का इंटरमिक्स होना चाहिए

ये कर्मचारी नहीं अलाउइड

सरकारी नियमों के अनुसार केवल उन्हीं स्कूलों और कॉलेजों को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी जो कंटेनमेंट जोन से बाहर हैं। परिसरों के अंदर छात्रों, शिक्षकों और कंटेनमेंट जोन में रहने वाले कर्मचारियों को अनुमति नहीं दी जाएगी। बुजुर्ग लोगों, गर्भवती महिलाओं, बीमारियों वाले लोगों सहित उच्च जोखिम वाले कर्मचारियों को परिसर में नहीं बुलाया जा सकता। 

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