सऊदी अरब में थीं असिस्टेंट प्रोफेसर, पर एक फैसला किया और बन गईं IAS ऑफिसर

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के बाद सऊदी अरब में असिस्टेंट प्रोफेसर की जॉब करते हुए बुशरा बानो ने देश के लिए काम करने का फैसला किया और वापस लौटकर यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल की।

Asianet News Hindi | Published : Jan 11, 2020 9:54 AM IST / Updated: Jan 11 2020, 03:28 PM IST

करियर डेस्क। उत्तर प्रदेश के कन्नौज की रहने वाली बुशरा बानो सऊदी अरब में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट में पीएचडी की थी। बुशरा बानो एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं। वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी की स्टूडेंट भी रह चुकी हैं। पीएचडी करने के बाद उनकी शादी मेरठ के रहने वाले असमर हुसैन से हो गई, जो अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से ही इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद सऊदी अरब में एक कंपनी में बतौर इंजीनियर काम कर रहे थे। शादी के बाद साल 2014 में बुशरा भी सऊदी अरब चली गईं और वहां उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी भी मिल गई। 

भारत वापस लौटने का लिया फैसला
सऊदी अरब में जिंदगी ठीकठाक चल रही थी। किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी। इसी दौरान वह एक बच्चे की मां भी बनीं। लेकिन इसी बीच, बुशरा के दिमाग में यह बात आई कि उन्हें अपने देश में जाकर ही कुछ करना चाहिए। दरअसल, बुशरा यूपीएससी की परीक्षा देकर आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं। शुरू से ही उनकी इच्छा सिविल सर्विस में आने की थी, लेकिन मैनेजमेंट की पढ़ाई और फिर शादी की वजह से वे इस ओर ध्यान नहीं दे सकीं। जब उन्होंने अपने पति से इसके बारे में बात की तो वे इसके लिए तैयार हो गए। लेकिन यह फैसला करना इतना आसान नहीं था। सऊदी अरब में पति-पत्नी, दोनों नौकरी कर रहे थे। बावजूद उन्होंने भारत वापस लौटने का निर्णय ले लिया।

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सोशल मीडिया पर बनी रहीं
साल 2016 में भारत लौटने के बाद बुशरा ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने अलीगढ़ में रह कर ही तैयारी करने का फैसला किया। इसके लिए सबसे पहले सिलेबस के बारे में जानकारी हासिल की। पहले से भी उन्हें इस एग्जाम के बारे में काफी कुछ पता था। परिवार और बच्चे को संभालते हुए बुशरा यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जी-जान से जुट गईं। वे रोज 10 से 15 घंटे तक पढ़ाई किया करती थीं। बुशरा बताती हैं कि परीक्षा की तैयारी करते हुए उन्हेंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना भी जारी रखा। उनका कहना है कि बहुत से लोग यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से दूर हो जाते हैं, पर उनका अनुभव अलग रहा। बुशरा कहती हैं कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल उन्होंने करंट अफेयर्स की जानकारी के लिए किया। 

दूसरी कोशिश में मिली सफलता
बुशरा ने यूपीएससी का एग्जाम पहली बार 2017 में दिया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। बुशरा कहती हैं कि इस असफलता से उन्हें कोई निराशा नहीं हुई, क्योंकि उन्हें पता था कि यूपीएससी के एग्जाम में जरूरी नहीं कि पहली बार में ही सफलता मिल जाए। इसलिए उन्होंने तैयारी जारी रखी। घरवालों ने भी उनका हौसला बढ़ाया। इसके बाद जब साल 2018 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी तो उन्हें भरोसा था कि इस बार सफलता मिलेगी। यह सच साबित हुआ। जब रिजल्ट आया तो बुशरा सफल उम्मीदवारों में शामिल थीं और उन्हें 277वीं रैंक मिली थी। इस तरह, उन्होंने एक पत्नी और मां की जिम्मेदारियां संभालते हुए सफलता की एक मिसाल कायम की। बुशरा का कहना है कि एक बार कोई काम करने का फैसला कर लिया तो उसके लिए जितनी भी मेहनत करनी पड़े, जरूर करनी चाहिए। सफलता तभी मिलती है। 


 

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