6वें साल के स्टूडेंट्स को KROK-2 परीक्षा देनी है। शैक्षणिक मूल्यांकन के रिजल्ट के आधार पर छात्रों को बिना KROK लिए डिग्री दी जाएगी। उन्होंने एजुकेशन लोन के बारे में बताया कि यूक्रेन में पढ़ने वाले 1,319 छात्रों पर लोन है।
करियर डेस्क. रूस और यूक्रेन (russia ukraine war) के बीच जंग हो रही है। इस जंग के कारण यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को ऑपरेशन गंगा के तहत सुरक्षित बाहर निकाला गया है। अब इन छात्रों की पढ़ाई को लेकर चिंता हो रही है। ऐसे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा (EAM Dr S Jaishankar in Lok Sabha) में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छात्रों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम उन देशों के साथ संपर्क कर रहे हैं जहां कि शिक्षा यूक्रेन मॉडल मिलता है।
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क्या कहा विदेश मंत्री ने
लोकसभा में जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- हम यूक्रेन से निकाले गए छात्रों के लिए शिक्षा जारी रखने के बारे में हंगरी, रोमानिया, चेक गणराज्य, कजाकिस्तान और पोलैंड के संपर्क में हैं क्योंकि उनके पास शिक्षा के समान मॉडल हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यूक्रेन सरकार ने फैसला किया कि मेडिकल की पढ़ाई में शिक्षा पूरी करने के लिए छात्रों को छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि तीसरे साल के मेडिकल छात्रों के लिए KROK 1 परीक्षा अगले एकेडमिक सेशन के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में उन्होंने जानकारी दी है कि यूक्रेन सरकार ने निर्णय लिया है कि छात्रों को एसटीडी की अनिवार्यता के पूरा करने के लिए अगले एकेडमिक सेशन में पास करने की अनुमति होगी। वहीं, 6वें साल के स्टूडेंट्स को KROK-2 परीक्षा देनी है। शैक्षणिक मूल्यांकन के रिजल्ट के आधार पर छात्रों को बिना KROK लिए डिग्री दी जाएगी।
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छूट भी मिलेगी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि यूक्रेन की सरकार ने वापस लौटने वाले छात्रों को पढ़ाई में छूट देने का भी फैसला किया है। उन्होंने बताया कि तीसरे से चौथे ईयर में छात्रों को जाने के लिए वहां क्रॉक-1 परीक्षा होती है लेकिन इस बार उस परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। वहीं, उन्होंने एजुकेशन लोन के बारे में बताया कि यूक्रेन में पढ़ने वाले 1,319 छात्रों पर लोन है। इसके लिए भारत सरकार इस मसले पर सभी पक्षों के साथ बातचीत कर रही है। इस दौरान विदेश मंत्री ने भारतीय छात्रों की तारीफ भी की।