शौर्य का सम्मान: सिर-छाती में लगी गोली फिर भी एक कदम पीछे नहीं हटे कर्णवीर, 26 साल की उम्र में देश पर कुर्बान

इस स्वतंत्रता दिवस सिपाही कर्णवीर सिंह समेत 8 जवानों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। इनमें गनर जसबीर सिंह (मरणोपरांत), मेजर नितिन धानिया, मेजर अमित दहिया, मेजर संदीप कुमार, मेजर अभिषेक सिंह, हवलदार घनश्याम और लांस नायक राघवेंद्र सिंह का नाम शामिल है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 15, 2022 9:52 AM IST

करियर डेस्क :  कश्मीर में दो आतंकियों को ढेर कर देश पर कुर्बान हुए 26 साल के सिपाही कर्णवीर सिंह (Karan Veer Singh) को मरणोपरांत शौर्य चक्र (Shaurya Chakra) से सम्मानित किया गया है। स्वतंत्रता दिवस (Devendra Pratap Singh) के अवसर पर उनकी शहादत का सम्मान केंद्र सरकार की तरफ से किया गया है। इस जांबाज की बहादुरी पर पूरे देश का मस्तक गर्व से ऊंचा है। अक्टूबर, 2021 में आतंकियों से मुठभेड़ में कर्णवीर सिंह शहीद हो गए थे। उनकी शहादत की खबर उस दिन घर पहुंची, जिस दिन उनका जन्मदिन था। पढ़िए शौर्य और बलिदान की मिसाल शहीद कर्णवीर के शहादत की कहानी...  

सतना का लाल, देश पर कुर्बान
शहीद कर्णवीर सिंह मध्यप्रदेश के सतना जिले के ग्राम दलदल के रहने वाले थे। 2017 में सूबेदार पद पर सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता राजू सिंह भी रिटायर्ट फौजी थी। कर्णवीर सिंह ने जब देश पर शहादत दी तो उनकी उम्र सिर्फ 26 साल थी। बात अक्टूबर 2021 की है। कर्णवीर सिंह 21 राजपूत रेजिमेंट 44RR में कश्मीर में तैनात थे। उस दिन सुबह-सुबह तीन से चार बजे के करीब कुछ आतंकी कार से वहां पहुंचे और हमला कर दिया। दोनों तरफ से क्रॉस फायरिंग हुई। कर्ण सिंह आतंकियों के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए थे। क्रॉस फायरिंग में आतंकियों की गोली उनके सिर और छाती में आ लगी। वह लहूलुहान हो गए लेकिन मोर्चा संभाले रखा। कुछ देर बाद शहीद हो गए। 

जन्मदिन के दिन आई शहादत की खबर
कर्णवीर दो भाई में छोटे थे। कर्णवीर की शुरुआती पढ़ाई ग्राम हटिया में अपनी मौसी के यहां हुई थी। इसके बाद सैनिक स्कूल रीवा में उन्होंने एडमिशन लिया और महू के सैनिक स्कूल में भी पढ़ाई की। सेना में उनका सेलेक्शन भी यहीं से ही हुआ था। शहादत से दो महीने पहले ही वह अपने घर आए थे और मां से वादा किया था कि जल्दी ही छुट्टी लेकर फिर से घर आएंगे। कर्णवीर की शादी नहीं हुई थी। घर में उनकी शादी की प्लानिंग ही चल रही थी। जिस दिन कर्णवीर की शहादत की खबर घर पहुंची, उस दिन उनका जन्मदिन था। 

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