इस स्वतंत्रता दिवस सबसे ज्यादा 109 गैलेंट्री मेडल CRPF को मिला है। जम्मू-कश्मीर पुलिस को 108, बीएसएफ को 19 और ITBP-SSB को 6 मेडिल से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र पुलिस को 42 मेडल और छत्तीसगढ़ को 15 मेडल प्रदान किए गए हैं।
करियर डेस्क : भारत की आजादी के आज 75 साल (75th Independence Day) पूरे हो गए। एक तरफ देश में उत्सव का माहौल है, दूसरी तरफ उन वीरों की शहादत को नमन किया जा रहा है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहूति देकर भारत मां की एक-एक इंच जमीन की रक्षा की। स्वतंत्रता दिवस (Swantantrta Diwas 2022) की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने ऐसे ही 8 वीरों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया। इन वीरों में एक नाम नायक देवेंद्र प्रताप सिंह (Devendra Pratap Singh) का भी है। जिन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र (Kirti Chakra) से सम्मानित किया गया। रोंगटे खड़ी करने वाली है उनकी शहादत की कहानी...
गोली लगने के बाद भी लड़ते रहे नायक देवेंद्र
इसी साल 29 जनवरी की बात है। सेना के जवानों को इनपुट मिले थे कि पुलवामा में कुछ आतंकी छिपे हैं। उन्हें पकड़ने एक ऑपरेशन चलाया गया। नायक देवेंद्र प्रताप सिंह भी उस ऑपरेशन का हिस्सा था। वह जब आतंकियों की छिपे होने वाली जगह पहुंचे तो चार आतंकियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद देवेंद्र प्रताप सिंह ने भी असाधारण बहादुरी दिखाते हुए आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें भागने नहीं दिया।
गोली लगी, घायल हुए, दो आतंकी मार गिराए
जब आतंकी वहां से निकल नहीं पा रहे थे, तब उन्होंने ग्रेनेड का इस्तेमाल किया और घर से बाहर निकल गए। नायक देवेंद्र को गोली लगी थी, वह लहूलुहान थे लेकिन उन्होंने आतंकियों को जाने नहीं दिया। गोलीबारी में उन्होंने एक आतंकी को सामने से मार गिराया। थोड़ी ही देर में दूसरे को भी ढेर कर दिया। उनकी इसी बहादुरी के लिए उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
वीरता का सम्मान
वहीं, सेना के 8 जवानों को उनकी बहादुरी के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। इनमें सिपाही कर्ण वीर सिंह, गनर जसबीर सिंह को मरणोपरांत यह सम्मान प्रदान किया गया है। वहीं, मेजर नितिन धानिया, मेजर अमित दहिया, मेजर संदीप कुमार, मेजर अभिषेक सिंह, हवलदार घनश्याम और लांस नायक राघवेंद्र सिंह को भी शौर्य चक्र प्रदान किया गया है।
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