Success Story: कॉलेज के थर्ड ईयर से ही शुरू की UPSC की पढ़ाई, नतीजा- 3.5 साल की तैयारी में IAS बनेंगे अर्थ जैन

Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने अर्थ जैन से बातचीत की।

Asianet News Hindi | Published : Nov 19, 2021 11:31 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:20 PM IST

करियर डेस्क. UPSC एग्जाम क्वालिफाई करने वाले जबलपुर निवासी अर्थ जैन (Arth Jain) ने कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की है।  UPSC 2020 में उनकी 16वीं रैंक आई है। अर्थ जैन के पिता मुकेश जैन आईपीएस हैं। बचपन से उन्होंने अपने पिता को काम करते देखा। उनका कहना है कि समाज में सिविल सर्विस एक प्रेस्टीजियस करियर के तौर पर जाना जाता है। खासतौर पर उन्हें अपने पिता से ही सिविल सर्विस में जाने की प्रेरणा मिली और जब वह कॉलेज में गए तो देखा कि काफी लोग यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इसी दौरान उनका विचार, दृढ निश्चय में बदल गया और कॉलेज के तीसरे वर्ष से ही वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गए। यूपीएससी 2020 परीक्षा में उनकी 563वीं रैक आयी है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने अर्थ जैन से बातचीत की। आइए जानते हैं कैसी है उनकी सक्सेज जर्नी। 


पहले अटेम्पट में प्रीलिम्स भी नहीं निकला
अर्थ जैन की शुरूआती शिक्षा संस्कृति स्कूल नई दिल्ली से हुई। उसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। वर्ष 2019 में उनका ग्रेजुएशन पूरा हुआ और इसी वर्ष उनका यूपीएससी परीक्षा में पहला अटेम्पट था। जिसमें उनका प्रीलिम्स भी नहीं निकला। तब उन्होंने अपनी कमियों को समझा और उसमें सुधार कर, आगे बढें। उनका कहना है कि वर्ष 2017 के आस पास उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी, तब वह ग्रेजुएशन के तीसरे वर्ष में थे। 

बिना घबराए व नर्वस हुए देना है जवाब
इंटरव्यू के दौरान अभ्यर्थियों से उनकी व्यक्तिग रूचियों व अभिरूचियों से जुड़े व अन्य सवाल किए जाते हैं, जो उन्होंने शुरूआती समय में ही डिटेल्स एप्लिकेशन फॉर्म में खुद दर्ज की होती है। उसे डैफ भी कहा जाता है। हर अभ्यर्थी यही सोचता है कि वह बेस्ट करने की कोशिश करेगा। अर्थ जैन भी यही सोच रहे थे कि यह इंटरव्यू उनके जीवन का अहम इंटरव्यू साबित हो सकता है। उनका कहना है कि उन्होंने तय किया था कि नर्वस नहीं होना है, बोर्ड मेम्बर के सवालों के अच्छे से अच्छा जवाब देना है। वह भी बिना घबराए और नर्वस हुए। उनका इंटरव्यू 25 मिनट चला था।

सोशल मीडिया को लेकर अपनाएं ये राह
यूपीएससी एक ऐसी परीक्षा है, जहां आपको अपनी पढ़ाई  को नियमित बनाए रखना होता है। किसी भी तरह से आपके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। ऐसे में सोशल मीडिया को लेकर अभ्यर्थियों को बीच का रास्ता अपनाना चाहिए। अर्थ जैन का कहना है कि यदि अभ्यर्थी हर तरह का सोशल मीडिया इस्तेमाल करेगा तो ऐसे में उसके डिस्ट्रैक्ट होने की संभावना है। उन्हें परीक्षा की तैयारी में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। पर यदि पूरी तरह से सोशल मीडिया से जुड़ी हर चीज को हटा देंगे तो उससे मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि व्हाटसएप सरीखी एकाध चीजें रखें। ताकि दोस्तों व अपने परिवार से बातें कर सकें, उनसे जुड़े रहें। अनावश्यक टीवी और मूवीज में समय बर्बाद नहीं करें।

ऑनलाइन मीडियम से पढ़ाई की राह होगी आसान
आजकल ऑनलाइन मीडियम पर ढ़ेर सारी शिक्षण सामग्री मौजूद है। आप अपनी मनचाहे रिर्सोसेज यहां से प्राप्त कर सकते हैं। कुछ यूट्यूबचैनल ऐसे हैं कि जहां टीचर्स निःशुल्क तौर पर विशेष विषय के बारे में जानकारी देते हैं। यह आपके लिए लाभप्रद साबित हो सकता है। अर्थ जैन कहते हैं कि उपलब्ध ऑनलाइन रिसोर्सेज बहुत अच्छी क्वालिटी के हैं। उसे एक बार जरूर उस बारे में जरूर पता लगाने की कोशिश करें। उसमें स्टूडेंट को फायदा ही होगा। इतना ही नहीं यदि किसी विषय का मैटेरियल ऑनलाइन सर्च किया जाए तो बहुत सारे टीचर हैं जो ऑनलाइन निःशुल्क पढ़ा रहे हैं। डेली करेंट अफेयर्स सर्च करें तो आधे घंटे का वीडियो मिल जाएगा। डेली अखबारों की खबरों का विश्लेषण मिल जाएगा। यह आपका रास्ता आसान कर सकता है। अर्थ जैन का कहना है कि फ्री रिर्साजज यूट्यूब पर काफी उपलब्ध हैं। कई कोर्सेज यूट्यूब पर फ्री उपलब्ध हैं। माडयूल कार्सेज भी उपलब्ध हैं। बहुत लोगों के दिमाग में आता है कि कोचिंग ज्वाइन करें या नहीं। बहुत सारे यूट्यूब चैनल हैं, जो उक्त विषय की अवधारणा अच्छे से समझा लेते हैं। जहां तक बात है कोचिंग क्लासेज की तो यह आपको दिशा दिखा सकती है। पर उस दिशा में आपको आगे बढना होगा। कोचिंग एक गाइडिंग लाइट की तरह होती है। सेल्फ स्टडी ही बेहतर समाधान है।

साढ़े तीन साल जुटे रहें यूपीएससी की तैयारी में
अर्थ जैन ने यूपीएससी की तैयारी में साढ़े तीन साल जुट रहें। उन्होंने कॉलेज के तीसरे वर्ष से ही तैयारी शुरू कर दी थी। यह आसान नहीं था। उनका कहना है कि घर से नहीं निकलना होता था। दोस्तों से नहीं मिलना होता था। एक एकेडमिक संघर्ष रहा है। पहले आईआईटी जी के लिए तैयारी और फिर यूपीएससी के लिए तीन से साढ़े तीन साल तक तैयारी में जुटे रहना। यह अपने लक्ष्य के लिए समर्पण और त्याग की भावना थी। उनका कहना है कि हमें रिवीजन करना चाहिए। टेस्ट भी देना चाहिए। यह बहुत जरूरी है। टेस्ट सीरिज हमें फैक्ट सिखाती हैं। टेस्ट देकर हम एक परीक्षा मेंटलिटी भी डेवलप करते हैं। इस वजह से टेस्ट देना फायदेमंद होता है। विशेष तौर पर प्रीलिम्स परीक्षा के लिए यह बहुत काम आता है।

अनुशासन रहना चाहिए
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी एक लंबी जर्नी है। इसमें उतार चढ़ाव आते हैं। कभी टेस्ट में सही रिजल्ट नहीं आता है तो अभ्यर्थियों को निराशा भी होती है। उसमें अभ्यर्थी अपने-अपने तरीके से खुद को मोटिवेट भी करते हैं। कुछ लोग अपनी हॉबीज का सहारा लेते हैं तो कुछ लोग अपने परिवार व दोस्तों से सम्पर्क में बने रहते हैं। उनसे बातचीत करते हैं और अपनी बातें शेयर करते हैं। साथ में तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों से स्ट्रेटजी के बारे में बात करते रहते हैं। इससे उनका मोटिवेशन बना रहता है। अर्थ जैन कहते हैं कि इस जर्नी में कई बार निराशा आती थी। पर जब एक बार निर्णय ले लिया कि यही करना है तो बस यही ही करना है। बीच बीच में ऐसा होता था कि कुछ दिन पढ़ने  का मन बिल्कुल नहीं करता तो ब्रेक ले लेते हैं। दोस्तों से बात कर लेता हूं। म्यूजिक सुन लेता हूं और अगले दिन नयी ऊर्जा के साथ फिर से पढ़ने बैठ जाता हूं। उनका मानना है कि मोटिवेशन तो आता जाता है। यदि पढ़ने  का मन नहीं भी कर रहा है तो भी समय से उठिए और कुछ न कुछ पढिए। यदि आप अपने रूटीन को छोड़ेंगे तो यह आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। कम से कम अनुशासन बना रहना चाहिए। यह सबसे जरूरी है।

परिवार को देते हैं सफलता का श्रेय
अर्थ जैन अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता आईपीएस मुकेश जैन, मां रितु जैन, भाई अयान जैन और अपने नाना नानी को देते हैं। उनके भाई अयान जैन भी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। उनके पिता ने उन्हें यूपीएससी परीक्षा के लिए मोटिवेट किया और उनका उत्साह बढ़ाया। शुरू से घर में पढ़ाई का माहौल था, अनुशासन था। जिसकी वजह से वह अपने लक्ष्य की तरफ प्रेरित हुए। उनकी हॉबीज शतरंज खेलना और डिबेटिंग है। इंटरव्यू में उनसे डिबेटिंग से जुड़ा एक सवाल भी पूछा गया था।

बार-बार न बदलें रूटीन
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में धैर्य जरूरी है। इसमें दो से तीन साल तक का समय लग सकता है। अर्थ जैन का कहना है कि इसके लिए आवश्यक है कि आप अपनी पढ़ाई में अनुशासन ओर कंसिस्टेंसी बनाए रखें। खासकर प्लानिंग बहुत जरूरी है। यह भी माइक्रो लेबल पर होनी चाहिए क्योंकि बिना योजना के पता नहीं होता कि क्या पढा और क्या नहीं पढा। तैयारी के लिए महीने, हफ्ते और दिन के हिसाब से प्लान बनाया जाना चाहिए। योजना बनाते समय यह भी ध्यान रखें कि बार बार आप अपना रूटीन मत बदलिए, बल्कि फिक्स रखिए। मतलब यह है कि आप हर तीन से चार दिन में रूटीन न बदलें, बल्कि उसे लगातार फालो करें। परीक्षा की तैयारी में यह बहुत जरूरी है। ऑफ्शनल सब्जेक्ट के चुनाव में भी ध्यान दें। बढ़िया विषय चुनें। परीक्षा के लिहाज से यह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। ऐसे विषय का चुनाव करें, जिस विषय पर आपकी पकड़ हो, जो विषय आपके लिए नंबर ला सके।

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