Success Story: पंजाब में डेरावाद का कारण क्या है? ऐसे ट्रिकी सवालों का जवाब देकर क्रैक कर लिया UPSC 2020

Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने डॉ राजदीप सिंह खैरा से बातचीत की। आइए जानते हैं उनसे किस तरह के सवाल किए गए थे। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 22, 2021 5:30 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:20 PM IST

करियर डेस्क. यूपीएस इंटरव्यू में कैंडिडेट्स से कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं। इन ट्रिकी सवालों का सही जवाब देने वाले कैंडिडेट्स को ही सफलता मिलती है। यूपीएससी 2020 में उनकी 495वीं रैंक पाने वाले डॉ राजदीप सिंह खैरा (Dr Rajdeep Singh Khaira) ने बताया कि उनसे इंटरव्यू में कई तरह के सवाल पूछे गए थे। उनका इंटरव्यू 40 से 45 मिनट चला था। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने डॉ राजदीप सिंह खैरा से बातचीत की। आइए जानते हैं उनसे किस तरह के सवाल किए गए थे। 

सवाल- आपका मेडिकल प्रोफेशन है, आपने एमडी नहीं किया, आप गवर्नमेंट सेक्टर में गए और अब आप यह प्रोफेशन भी छोड़ रहे हैं, इससे लगता है कि आप कनफ्यूज पर्सन हो?
जवाब-
नहीं, बहुत पहले से यह स्पष्टता आ गयी थी कि मुझे गर्वनमेंट सेक्टर में ही काम करना है। मुझे जो भी रोल मिलेगा, चाहे डॉक्टर का हो या सिविल सर्वेंट का वह मैं करूंगा। चूंकि गर्वनमेंट सेक्टर में ही हमारे पास सबसे ज्यादा अवसर होते हैं कि आप कुछ न कुछ क्वालिटी या क्वांटीटी के टर्म में किसी की जिंदगी में बदलाव कर सकें तो अगर इस बार मेरा सलेक्शन नहीं होता है तो फिर मैं सरकारी क्षेत्र में लगातार काम करूंगाा मुझे जो भी ड्यूटी दी गयी है। देखूंगा उसके साथ मैं किस तरह इंसाफ कर सकता हूं।

सवाल- भारत सरकार ने कोविड में जो प्रयास किया है, उसे आप कैसे देखते हैं, उनकी बहुत आलोचना होती है कि बहुत लोग मर गए। उनके काम का मूल्यांकन कीजिए?
जवाब-
पूरे देश में 22 मार्च, 2020 को लॉकडाउन लग गया था। उस समय देश में सिर्फ 500 केस थे। सरकार की संजीदगी इस बात से पता चलती है कि हमारे देश में सिर्फ 500 केस थे और हमारे प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन लगा दिया था। इसका मतलब है कि हमारी सरकार लोगों की जान बचाने को लेकर बहुत सजग थी। किसी को इस महामारी का इलाज नहीं पता था। अमेरिका जैसे एडवांस मुल्क का हेल्थ सिस्टम बहुत एडवांस है। उनको बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनसे तुलना करते हुए देखा जाए तो हमारी सरकार ने बहुत अच्छा किया है। मैं अपनी सरकार की सराहना करना चाहूंगा।

सवाल- पंजाब और हरियाणा की कम्बाइंड कैपिटल सिटी चंडीगढ़ है। लेकिन पंजाब में ऐसी कोई आवाज नहीं उठी कि चंडीगढ़ जैसा कोई और शहर डेवलप करो, ऐसा क्यों है?
जवाब-
इसके ऐतिहासिक, राजनीतिक और अन्य कारण हैं। ऐतिहासिक कारण है कि जब पंजाब का विभाजन हुआ था, उस समय वादा किया गया था कि राजधानी पंजाब को मिलेगा। हरियाणा अपनी राजधानी बनाएगा। राजनीतिक वजह  है कि 1966 से लेकर अब तक जितने चुनाव हुए हैं। हर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टी के मेनिफेस्टो में यह रहता है कि हम चंडीगढ़ वापस लेंगे। इसकी वजह से लोगों को लगता है कि चंडीगढ़ उन्हें मिलेगा ही मिलेगा। दूसरी ओर चंडीगढ़ एक एडवांस शहर है। यह एक्सीलेंस का सेंटर बन गया है। ऐसे में कौन चाहेगा कि चंडीगढ़ हम किसी दूसरे राज्य को दे दें।

सवाल- अफगानिस्तान में वर्तमान सिचुएशन से भारत को क्या खतरा है?
जवाब-
कहीं पर भी यदि कोई हिंसा होती है तो उसका खतरा हर जगह होता है। अफगानिस्तान में हमारे अल्पसंख्यक वर्ग रहते हैं, उनको खतरा है।  व्यापार व निवेश को खतरा है। पाकिस्तान से लगे हुए कश्मीर व पंजाब बॉर्डर पर स्थिति खराब हो सकती है।

सवाल- पंजाब में डेरावाद का कारण क्या है?
जवाब-
पंजाब की 60 से 65 प्रतिशत सिख आबादी है। यह सिख धर्म की मोडिफिकेशन है। इसका कारण यह है कि सिख धर्म की शर्तें बहुत हार्ड हैं। आप दाढी रखोगे, मांस नहीं खाओगे, पूजा पाठ करोगे। डेरावाद इसको थोड़ा मोडिफाइड कर देते हैं। किसी डेरे में होगा कि दाढी काटने की इजाजत है। वहां कंडीशन रिलैक्स है। एक तो यह कारण हो गया है। दूसरा कारण यह हो गया कि पंजाब में रूरल एरिया में सीनियर आबादी है। उसकी साक्षरता दर कम है। डेरावाद में ज्यादातर फॉलोवर सीनियर आबादी की है। पंजाब में 32 प्रतिशत अनूसूचित जाति की जनसंख्या है। कई बार क्या होता है कि जातिवाद होने की वजह से जो शिड्यूल ट्राइब डेरों में जाने लगती है। हर एक गांव में अलग-अलग जातियों के गुरूद्वारे बने हैं। पंजाब में शुरू से ही बहुत से पीर, फकीर और पैगम्बर हुए हैं। उनके भी फॉलोअर हैं।

सवाल- पंजाब का किसान आंदोलन कर रहा है, बाकि स्टेट का किसान इतना आंदोलन नहीं कर रहा है, पंजाब के किसान को क्या समस्या है?
जवाब-
सबसे पहला संगठनात्मक कारण है। पंजाब का किसान संगठनात्मक रूप से स्थापित है। पंजाब में 31-32 किसान जत्थेबंदियां हैं। हर एक जत्थेबंदी की हर एक गांव में मेम्बरशिप है। हर एक गांव में टर्न बाई टर्न हर एक को जिम्मेदारी दी गयी है कि आपको यहां आकर बॉर्डर पर बैठना है। दूसरा पंजाब के किसानों का दूसरे प्रदेशों के किसानों से आर्थिक स्थिति ठीक है। अन्य प्रदेशों के मुकाबले पंजाब में एनआरआई बेस ज्यादा है, बाहर से पैसा आ रहा है। यहां के किसान बाकि देश के किसान से राजनीतिक रूप से बहुत सक्रिय हैं। इसकी वजह से यह राजनीतिक आंदोलन बन चुका है।

 
एग्जाम ओरिएंटेड नजरिए से दिया इंटरव्यू
डॉ राजदीप सिंह खैरा का पहले भी इंटरव्यू दे चुके थे। इसकी वजह से उनके अंदर इंटरव्यू को लेकर यह आशा थी कि यदि वह इंटरव्यू में बहुत अच्छा नहीं कर पाएं तो औसतन रिजल्ट अच्छा आ ही जाएगा। इंटरव्यू में 185 मार्क्स आए हैं। यह अच्छा स्कोर माना जाता है। उनका एग्जाम ओरिएंटेड नजरिया था। इंटरव्यू 40 से 45 मिनट चला था। 

गलतियों से सबक लेकर बढ़े आगे
उनका कहना है कि उन्हें बहुत असफलताएं मिली। पहले अटेम्पट में वह इंटरव्यू तक पहुंच गए थे लेकिन उनका चयन नहीं हुआ। उससे उन्होंने सबक लिया और आगे बढ़े। उनका कहना है कि आपके पास दो विकल्प हैं या तो अपने फेलियर पर निराश हो जाओ और आपने आपको डिप्रोग्रेसिव कर लो या फिर खुद को पिकअप करो। पिछला जो हो गया उसको लर्निंग लेशन लेकर चलो कि जो इस बार गलती किया वह दोबारा नहीं करूंगा।

माइंड के साथ फिटनेस की अहमियत ज्यादा
लुधियाना के जमालपुर के रहने वाले डॉ राजदीप सिंह खैरा की हॉबीज वाकिंग और ट्रैवेलिंग है। उनकी हॉबीज ने यूपीएससी जर्नी के दौरान उनकी काफी मदद की। उनका कहना है कि यह हॉबी माइंड और बॉडी को रिफ्रेश कर देती है। इस जर्नी में माइंड के साथ साथ फिटनेस की बड़ी अहमियत है। वह 90 मिनट से ज्यादा वॉक करते हैं।

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