बिना साइकोलॉजिकल टेस्ट नहीं मिलेगा MBBS कोर्स में एडमिशन, इस मेडिकल कॉलेज ने लिया फैसला

Published : Nov 02, 2022, 05:25 PM ISTUpdated : Nov 02, 2022, 05:39 PM IST
बिना साइकोलॉजिकल टेस्ट नहीं मिलेगा MBBS कोर्स में एडमिशन, इस मेडिकल कॉलेज ने लिया फैसला

सार

इस साल से मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस और एमडी-एमएस कोर्स में जो भी छात्र एडमिशन लेंगे, उन्हें मनोवैज्ञानिक जांच से गुजरना पड़ेगा। इसके बाद ही उन्हें दाखिला दिया जाएगा। कॉलेज ने इस फैसले के पीछे की वजह भी बताई है।

करियर डेस्क : उत्तराखंड के एक मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए साइकोलॉजिकल टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। नैनीताल के हल्द्वानी (Haldwani) के राजकीय मेडिकल कॉलेज (Government Medical College) ने यह फैसला किया है। कॉलेज में कैंडिडेट्स का सामान्य मेडिकल के साथ साइकोलॉजिकल टेस्ट भी जरूरी कर दिया गया है। बता दें कि इससे पहले कॉलेज में MBBS और MD-MS कोर्स में एडमिशन के लिए सिर्फ नॉर्मल मेडिकल टेस्ट ही किया जाता था। मेडिकल टेस्ट में छात्रों के नाक, कान-गला, आंख, मेडिसिन रेडियोलॉजी और पैथेलोजी की जांच की जाती थी। जबकि छात्राओं को स्त्री रोग विशेषज्ञ की जांच के बाद एडमिशन दिया जाता था।

कॉलेज का तर्क
इस फैसले के पीछे कॉलेज का कहना है कि साइकोलॉजिकल टेस्ट का मानसिक समस्या से परेशान किसी छात्र को समय पर इलाज देना है। ताकि उसकी पढ़ाई में किसी भी तरह की परेशानी न आए। देहरादून में राजकीय मेडिकल कॉलेज के जनसंपर्क अधिकारी आलोक उप्रेती ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस टेस्ट की मदद से स्टूडेंट्स के बिहैवियर, पर्सनालिटी और वर्किंग कैपेसिटी की का अंदाजा लगाना है।

फैसले के पीछे कहीं ये वजह तो नहीं
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, साल 2004 से इस कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स चलाया जा रहा है। हर साल ऐसा होता है, जब कॉलेज में तीन से चार छात्र ऐसे एडमिशन लेते हैं, जो मेंटल प्रॉब्लम्स से जूझ रहे होते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी वजह से वे छात्र समय पर अपना कोर्स कंप्लीट नहीं कर पाते। उनकी एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई पूरी होने में 5 से 6 साल लग जाते हैं। पिछले साल तो ऐसा भी हुआ था कि एक छात्र की मानसिक स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से उसके गार्जियन को कमरा लेकर उसके साथ रहना पड़ा था। इसी की बदौलत उसकी पढ़ाई पूरी हो पाई थी। इस वजह से कॉलेज ने यह फैसला लिया है. बता दें कि हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस और एमडी-एमएस की 100 सीटें हैं। जिस पर एडमिशन प्रक्रिया चल रही है।

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