बच्चों के अधिकारों की खातिर साथ आए आयुष्मान खुराना और सचिन तेंदुलकर, होने वाला है कुछ ऐसा कमाल

Published : Nov 15, 2022, 11:32 AM ISTUpdated : Nov 15, 2022, 11:41 AM IST
बच्चों के अधिकारों की खातिर साथ आए आयुष्मान खुराना और सचिन तेंदुलकर, होने वाला है कुछ ऐसा कमाल

सार

बता दें कि यूनिफेस इंडिया द्वारा नेशनल चिल्ड्रन्स डे और इंटरनेशनल चिल्ड्रन्स डे के मौके पर बच्चों के लिए कई खेल गतिविधियों के साथ बाल अधिकार सप्ताह का आयोजन करने जा रहा है। इस एक्टिविटी के लिए आयुष्मान खुराना-सचिन तेंदुलकर साथ आए हैं।

एंटरटेनमेंट डेस्क. यूनिसेफ इंडिया (UNICEF India) 14 नवंबर (राष्ट्रीय बाल दिवस) से 20 नवंबर (विश्व बाल दिवस) तक कई एक्टिविटी के माध्यम से बाल अधिकार सप्ताह मना रहा है, जिसमें इस बात पर जोर दिया जाएगा कि सभी बच्चे, लिंग, जाति, धर्म, विकलांगता या फिर कोई अन्य स्थिति, जो उनके लिए खुशी मनाने के लिए हो, उससे जोड़ा जा सकेगा। इसमें विशेष रूप से अधिकारहीन और कमजोर बच्चों को शामिल और संरक्षित किया जाएगा। माना जाता है कि खेल समावेश और इक्विलिटी के महत्व को दर्शाने के लिए एक शक्तिशाली साधन प्रदान करता है, जो बच्चों को लीडरशिप, टीम वर्क, समावेश, धैर्य और सहयोग जैसे महत्वपूर्ण लाइफ स्किल को डेवलप करने में मदद करता है। रिपोर्ट्स की मानें तो इसके लिए क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और एक्टर आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) साथ आए हैं। 


जेंडर समानता और समावेश पर होगी चर्चा
समावेश को प्राप्त करने में खेल और खेल के रोल पर प्रकाश डालते हुए बच्चे और लॉ मेकर्स 16 नवंबर को खेल के माध्यम से जेंडर समानता और समावेश पर चर्चा करेंगे। लॉ मेकर्स बच्चों के साथ बातचीत करेंगे और उनके अनुभवों, चिंताओं और आकांक्षाओं के बारे में जानेंगे और कैसे खेल ने उन्हें उनकी चुनौतियों से पार किया जा सके, में मदद करेंगे। वहीं, 18 नवंबर को यूनिसेफ दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय राजदूत सचिन तेंदुलकर और बॉलीवुड स्टार आयुष्मान खुराना, यूनिसेफ सेलिब्रिटी एडवोकेट, यूनिसेफ इंडिया के एक सिम्बॉलिक फुटसल मैच में उपस्थित होंगे, जिसमें 8 स्टेट के बच्चे खेल को हाईलाइट करने के लिए खेलेंगे।


- भारत की यूनिसेफ रिप्रेजेंटेटिव सिंधिया मैककैफरी ने कहा- विश्व बाल दिवस बच्चों के द्वारा, बच्चों के लिए यूनिसेफ का एक विश्वीय कार्य दिवस है, जो खेल में भागीदारी को बढ़ावा देने के साथ ही लैंगिक रूढ़ियों और सामाजिक बाधाओं को तोड़ता है। इतना ही नहीं ये लैंगिक समानता को हासिल करने का एक मजबूत तरीका भी है। खेल सामाजिक मानदंडों को बदलने में एक खास रोल प्ले कर सकता हैं, लड़कियों को उनके सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने का रास्ता भी दिखाता है। उन्होंने कहा इस साल बच्चे, हर बच्चे के लिए समावेश और गैर-भेदभाव को उजागर करने के लिए खेल पावर का लाभ उठाएंगे। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर बच्चा खुशियां मनाएं और हर तरह के भेदभाव से वो सेफ रहे।


- बाल अधिकारों में एकजुटता के साथ विश्व बाल दिवस पर देश और दुनियाभर की आइकॉनिक इमारतें और स्मारक नीले हो जाएंगे। राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, राज्य विधानसभा भवन और पूरे भारत में ऐतिहासिक स्मारक गोब्लू रोशनी में नजर आएंगे। नीला रंग भारत और विश्व स्तर पर हर बच्चे के अधिकारों के प्रतीक और ध्यान को आकर्षित करता है।


- बता दें कि चाइल्ड राउट्स पर कन्वेंशन के आर्टिकल 31 में हर बच्चे के आराम, अवकाश और खेलने के अधिकार को मान्यता दी गई है। लाइफ स्किल बढ़ाने, समावेश करने, नेतृत्व को बढ़ावा देने और बच्चे के फिजिकल-मेंटल डेवलपमेंट के लिए खेल महत्वपूर्ण है।
 

 

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