सिंगर बप्पी लाहिड़ी का 15 फरवरी को निधन हो गया था। हाल ही में उनके परिवारवालों ने एक ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी है कि डिस्को किंग के लिए मुंबई के जुहू में प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी।
मुंबई. जानेमाने म्यूजिक कम्पोजर और सिंगर बप्पी लाहिड़ी (Bappi Lahiri) का 15 फरवरी को निधन हो गया था। खबरों की मानें तो वे लंबे समय से बीमार थे और उनका मुंबई के क्रिटी केयर अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके निधन ने ना ही सिर्फ फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री को बल्कि फैन्स को भी शॉक्ड में डाल दिया था। बप्पी दा के लिए जल्द ही प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी। हाल ही में ये जानकारी सामने आई है कि बप्पी दा के लिए एक प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी। उनके परिवारवालों ने एक ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी है कि डिस्को किंग के लिए मुंबई के जुहू में प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी। ये प्रार्थना सभा 23 फरवरी को शाम के 5 बजे से आयोजित होगी। बता दें कि बप्पी दा एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे। ठीक होकर वे घर भी लौट आए थे लेकिन फिर अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे दुनिया छोड़कर चले गए।
हुआ था कोरोना भी
पिछले साल बप्पी दा को कोरोना वायरस भी हुआ था। लहरी को पिछले साल अस्पताल में भर्ती कराया गया था जब वो कोविड पॉजिटिव हो गए थे। हालांकि कुछ दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। रिकवर होने के बाद बप्पी दा को बेड रेस्ट के लिए कहा गया था और इसके बाद उनके घर में लिफ्ट के साथ व्हीलचेयर भी लगा दी गई थी। उनके जाने से फिल्म इंडस्ट्री शोक में डूब गई है। फैन्स के साथ सेलेब्स भी उनके निधन से शोक में है। बता दें कि बप्पी साहब एक अलग आवाज और संगीत के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा उनकी एक और पहचान हैं, वो है सोने के ढेर सारे गहने पहनना। दरअसल, मशहूर सिंगर को गोल्ड से लगाव था इसलिए क्योंकि वो इसे अपना लक यानी भाग्य मानते हैं।
इस बीमारी ने ली बप्पी दा की जान
डॉक्टरों के मुताबिक, 69 साल के बप्पी दा पिछले एक साल से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप ऐप्नी नामक बीमारी से पीड़ित थे। उन्हें सीने में संक्रमण भी था। इस बीमारी में सोते समय नाक में एयरफ्लो कम हो जाता है। इसमें नाक और मुंह के ऊपरी हिस्से में हवा भर जाती है, जिससे नाक के ऊपरी वायुमार्ग का हिस्सा या पूरी नाक ब्लॉक हो जाती है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप ऐप्नी नींद से रिलेटेड एक बीमारी है और इसे ब्रीदिंग डिसऑर्डर भी कहते हैं। इस बीमारी में सोते वक्त आपकी सांस बार-बार रुकती है और फिर चलती है। कई बार सोते समय आपकी सांस नींद में ही रुक सकती है।
बदल कर रख दी थी संगीत की दुनिया
बप्पी लाहिड़ी ने 70 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और 80 के दशक में वे छाए रहे। हर फिल्म में गाने के लिए वे निर्माताओं की पहली पसंद रहे। उन्हें पहचान साल 1975 में आई फिल्म 'जख्मी' से मिली। बप्पी दा के गाए गीत 'बंबई से आया मेरा दोस्त, आई एम ए डिस्को डांसर, जूबी-जूबी, याद आ रहा है तेरा प्यार, यार बिना चैन कहां रे, तम्मा तम्मा लोगे, आज भी लोगों की जुबां पर चढ़े रहते हैं।
- बप्पी दा का अंतिम संस्कार विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान घाट में किया गया था। इस दौरान उनके बेटे बप्पा लहरी ने मुखाग्नि दी थी। अंतिम संस्कार में उनके फैमिली मेंबर्स के अलावा बॉलीवुड से शक्ति कपूर, विद्या बालन, मीका सिंह, बिंदु दारा सिंह, उदित नारायण, शान, अभिजीत भट्टाचार्य, अलका याग्निक, ईला अरुण, भूषण कुमार, निखिल द्विवेदी, बी. सुभाष, रूपाली गांगुली, सुनील पाल समेत कई सेलेब्स श्मशान घाट में मौजूद थे।
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