लता मंगेशकर के छोटे भाई की तबीयत बिगड़ी, बेटे आदिनाथ ने बताया अस्पताल में करना पड़ा एडमिट

लता मंगेशकर के छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर की तबीयत बिगड़ गई है, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। इस बात की जानकारी खुद हृदयनाथ के बेटे आदिनाथ मंगेशकर ने दी है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 24, 2022 3:32 PM IST

मुंबई। लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के छोटे भाई और म्यूजिक कंपोजर हृदयनाथ मंगेशकर (Hridaynath Mangeshkar) की तबीयत अचानक बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हृदयनाथ 84 साल के हैं। उनके बेटे आदिनाथ के मुताबिक, पापा को 10 दिन में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। हालांकि, उन्हें किस वजह से एडमिट किया गया है, इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। 

जल्द ठीक हो जाएंगे हृदयनाथ मंगेशकर : 
आदिनाथ मंगेशकर ने मुंबई के षणमुखानंद ऑडिटोरियम में आयोजित दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह में कहा- ईश्वर की कृपा से मेरे पिता 8-10 दिनों में पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट आएंगे। उनकी तबीयत में तेजी से सुधार हो रहा है। बता दें कि पहला लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को दिया गया। इस दौरान खुद मोदी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे और उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में ही हृदयनाथ मंगेशकर के जल्द स्वस्थ होने के लिए भगवान से प्रार्थना की। 

लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में मौजूद थे : 
आदिनाथ मंगेशकर के मुताबिक, पिछले कुछ सालों से मेरे दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह में स्वागत भाषण के साथ ही हमारे ट्रस्ट का परिचय भी करवाते थे, लेकिन इस बार उनकी तबीयत बिगड़ने की वजह से वो ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं हैं। वो इस वक्त अस्पताल में भर्ती हैं। बता दें कि लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में हृदयनाथ अपने बेटे आदिनाथ के साथ पहुंचे थे। लता जी को मुखाग्नि भी हृदयनाथ और उनके बेटे ने ही दी थी। बता दें कि रविवार को मास्टर दीनानाथ मंगेशकर की 80वीं पुण्यतिथि थी। 

हर साल दिया जाएगा पुरस्कार : 
बता दें कि मास्टर दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से 11 अप्रैल को इस अवॉर्ड की घोषणा की गई थी। ट्रस्ट की ओर से कहा गया था कि यह पुरस्कार हर साल उस शख्स को दिया जाएगा, जिसने समाज के लिए पथप्रदर्शक की भूमिका निभाई है। बता दें कि लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का इसी साल 6 फरवरी को निधन हो गया था। वो 92 साल की थीं और उन्हें कोरोना के बाद निमोनिया की भी शिकायत थी। 

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