टिक टॉक बैन की एक्ट्रेस ने की नोटबंदी से तुलना, बोली-बेरोजगारों का क्या होगा?

भारत सरकार द्वारा देशभर में टिक टॉक समेत 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया गया है। इस पर कई स्टार्स ने अपने रिएक्शन्स दे रहे हैं। जहां कुछ लोग इस फैसले को सही बता रहे हैं वहीं, कुछ ऐसे भी हैं, जो इसकी आलोचना कर रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 2, 2020 6:37 AM IST

मुंबई. भारत सरकार द्वारा देशभर में टिक टॉक समेत 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया गया है। इस पर कई स्टार्स ने अपने रिएक्शन्स दे रहे हैं। जहां कुछ लोग इस फैसले को सही बता रहे हैं वहीं, कुछ ऐसे भी हैं, जो इसकी आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि इन ऐप्स के सहारे भारत में बहुत से लोगों को रोजगार मिला था और वो अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे थे। ऐसे में अब बंगला एक्ट्रेस और टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने भी मोदी सरकार के इस फैसले को आवेग में लिया गया फैसला बताया है और इस फैसले की तुलना नोटबंदी से की है।

लोग हो जाएंगे बेरोजगार: नुसरत जहां 

नुसरत ने कहा कि अब उन लोगों का क्या होगा जो चीन की ऐप्स पर बैन लगने के बाद बेरोजगार हो जाएंगे? अगर ये फैसला नेशनल सिक्योरिटी के लिए लिया गया है तो उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है और वो इस फैसले को सपोर्ट करती हैं, लेकिन एक्ट्रेस ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि क्या सरकार के पास ऐसे लोगों के लिए बैकअप प्लान है? नुसरत ने आगे कहा कि अगर आप इस तरह के फैसले लेते हैं तो कुछ रणनीति और बैकअप प्लान होना ही चाहिए। सिर्फ ऐप्स पर बैन लगाने से चीन की कंपनियों को हराया नहीं जा सकता है। एलईडी बल्ब से लेकर घर में लगे एसी तक, चीन की कंपनियां हर जगह मौजूद हैं। इसका जवाब क्या है? क्या इसे काउंटर करने के लिए कोई रणनीति है?

 

नुसरत ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना 

नुसरत ने आगे कहा कि अगर वो एक परफॉर्मर के तौर पर बात करें तो उनके लिए टिक टॉक सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जिसका सहारा लेकर वो अपने फैंस को एंटरटेन कर सकती हैं। नुसरत ने ये भी कहा कि ऐप्स पर बैन लगाकर केंद्र सरकार लोगों की आंखों में धूल झोंक रही है और चौपट अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।

चीनी ऐप्स के बैन की नोटबंदी से की तुलना 

नुसरत ने सरकार के चीनी ऐप्स पर बैन लगाने के फैसले की नोटबंदी के साथ तुलना की और कहा कि इससे कई लोगों की जिंदगियां प्रभावित होंगी, क्योंकि बहुत सारे आर्टिस्ट्स ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के सहारे अपनी रोजी-रोटी चला रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर आप स्वदेशी मूवमेंट चलाना चाहते हैं तो सरकार को चाहिए कि वो गूगल और नासा में मौजूद एनआरआई लोगों को बुलाएं ताकि वे ऐसी ऐप्स बना सकें, जिससे भारतीयों के लिए रोजगार के मौके पैदा हो सकें। इससे फिर देश को चीन के ऐप्स की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। नोटबंदी की तरह ही ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने से कुछ फायदा नहीं होना है।
 

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