इंडियन सिनेमा को देश में नहीं बल्कि दुनियाभर में पहचान दिलाने वाले डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और राइटर सत्यजीत रे का 2 मई तो 101वीं बर्थ एनिवर्सरी है।
मुंबई. इंडियन सिनेमा को एक से बढ़कर एक फिल्में देने वाले सत्यजीत रे (Satyajit Ray) की आज यानी 2 मई को 101वीं बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्मा 1921 को कोलकाता में हुआ था। उनकी बनाई फिल्मों और उनको आज भी याद किया जाता है। आपको बता दें कि सत्यजीत रे अपने करियर में महज 37 फिल्में बनाई थी, इनमें से भी ज्यादातर बांग्ला में थी। इन 37 फिल्मों की बदौलत ही वे दुनियाभर में छा गए थे। हालांकि, कम ही लोग जानते है कि उनके डायरेक्शन में बनी पहली फिल्म पाथेर पांचाली ने यूं तो कई अवॉर्ड्स अपने नाम किए थे, लेकिन इस फिल्म की वजह से देशभर में खूब बवाल भी मचा था और आलोचना भी हुई थी। दरअसल, इस फिल्म में भारत की गरीबी और खासतौर पर पश्चिम बंगाल के हालात को दिखाया था, जो रास नहीं आया था।
हर कला में माहिर थे सत्यजीत रे
आपको बता दें कि सत्यजीत रे सिर्फ फिल्म का निर्माण करने के लिए नहीं जाने जाते थे बल्कि उनके अंदर कई सारी क्वालिटीज भी थी। वे डायरेक्टर के साथ राइटर, पेंटर, गीतकार, कॉस्ट्यूम डिजाइनर और प्रोड्यूसर भी थी। आपको बता दें कि फिल्मों के प्रति उनका अट्रैक्शन उनकी इंग्लैड जर्नी के दौरान बढ़ा। बता दें कि करीब 50 के दशक के दौरान वे पत्नी के साथ इंग्लैंड गए थे। ये वो दौर था जब वे एक विदेशी कंपनी के विज्ञापन के लिए काम किया करते थे। और इसी काम को और बेहतर तरीके से समझने के लिए कंपनी ने उन्हें इंग्लैंड भेजा था। आपको जानकर हैरानी होगी कि लंदन में रहने के दौरान उन्होंने करीब 100 फिल्में देखी और यहीं से उन्हें भी फिल्में बनाने का आइडिया आया। फिर भारत लौटकर उन्होंने फिल्मों पर काम करना शुरू किया। उन्होंने पहली फिल्म पाथेर पांचाली बनाई। इस फिल्म को कांस फिल्म फेस्टिवल में खूब तारीफ मिली थी।
सत्यजीत रे ने जीते कई अवॉर्ड्स
आपको बता दें कि 37 फिल्में बनाने वाले सत्यजीत रे ने 35 अवॉर्ड्स जीते थे। उनकी पहली फिल्म पाथेर पांचाली को कई अवॉर्ड्स मिले थे। इसके अलावा उन्होंने अपाजितो, अपुर संसार, चारुलता, नायक, देवी, द म्यूजिक रूम, महानगर, शतरंज के खिलाड़ी, घरे बाइरे, सोनार केल्ला, तीन कन्या, कांचनजंघा जैसी फिल्मों का निर्माण किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि सत्यजीत रे के इंडियन सिनेमा में योगदान और बेहतरीन फिल्में देने के लिए भारत सरकार ने उन्हें करीब 32 राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। इतना ही नहीं फिल्मों में उनके योगदान के लिए उन्हें स्पेशल ऑस्कर सम्मान दिया गया था। आपको बता दें कि जिस वक्त उन्हें ऑस्कर देने की घोषणा हुई थी, उस दौरान ने बीमार चल रहे थे ये अवॉर्ड लेने के लिए विदेश जाने की स्थिति में नहीं थे इसलिए ऑस्कर कमेटी के अध्यक्ष खुद उन्हें ये अवॉर्ड देने इंडिया आए थे।
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