छत्तीसगढ़ में 48 घंटे से 80 फीट बोरवेल में फंसा है बच्चा, गुजरात से आई रोबोटिक्स तकनीक भी फेल, अब एक ही ट्रिक

Published : Jun 12, 2022, 09:34 PM ISTUpdated : Jun 12, 2022, 09:36 PM IST
छत्तीसगढ़ में 48 घंटे से 80 फीट बोरवेल में फंसा है बच्चा, गुजरात से आई रोबोटिक्स तकनीक भी फेल, अब एक ही ट्रिक

सार

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में गिरे 11 साल के राहुल को सलामत निकालने के लिए 48 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। मुख्यमंत्री हर दिन अधिकारियों और पीड़ित परिवार से बात कर रहे हैं। आधा दर्जन से अधिक आईएएस व आईपीएस अधिकारियों को सीएम बघेल ने मौके पर भेजा है। इसके अलावा दूसरे राज्यों की रोबोटिक्स टीम और एक्सपर्ट इंजीनियर को बुलाया गया है। 

जांजगीर-चांपा. छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में फंसे 11 साल के राहुल को 48 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत जुका है, लेकिन मासूम अभी भी नहीं निकल पाया। जबकि मासूम को बाहर निकालने के लिए भूपेश बघेल सरकार ने पूरा अधिकारियों की पूरी फौज उतार दी है। बचाने की जद्दोजहद पिछले 46 घंटे से जारी है, कलेक्टर व एसपी की देखरेख में दो दिन से बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इतना ही नहीं बच्चे को सलामत निकालने के लिए  गुजरात की रोबोटिक्स टीम भी बुलाई गई, लेकिन फिर कोई सफलता हाथ नहीं लगी। बताया जा रहा है कि अब टनल के जरिेए ही बच्चे निकाला जा सकता है। जिसके लिए रेस्कयू चलाया जा रहा है।

गुजरात से आई स्पेशल आधा दर्जन से अधिक आईएएस व आईपीएस
मुख्यमंत्री हर दिन अधिकारियों और पीड़ित परिवार से बात कर रहे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए आधा दर्जन से अधिक आईएएस व आईपीएस अधिकारियों को सीएम बघेल ने मौके पर भेजा है। इसके अलावा दूसरे राज्यों की रोबोटिक्स टीम और एक्सपर्ट इंजीनियर को बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि मासूम को निकालने के लिए सेना भी मौके पर पहुंच गई है और बचाव कार्य में जुट गई है।

SECL की सबसे बड़ी रेस्क्यू टीम राहुल के ऑपरेशन में जुटी
बता दें कि अब राहुल को टनल के जरिए ही बाहर निकाला जा सकेगा। इसके लिए  NDRF की टीम सुरंग बना रही है। रेस्क्यू टीम ने अभी तक  61.5 फीट गहराई की सुरंग खोद ली है। अब 9 मीटर की टनल अलग से बनाई जा रही है। एनडीआरएफ की मदद के लिए  SECL की इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम भी पहुंची गई है। दोनों ही टीमें मिलकर मासूम को सुरक्षित निकालने में जुटे हुई हैं। SECL अंडरग्राउंड खदान में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं के समय राहत और बचाव करती है। जैसे खदान में अचानक ऊपर की छत को धंसने से बचाने, गैस रिसाव को रोकने  और लोगों को कठिन  से कठिन जगह से निकालती हैं। उनके पास कई तरह की एडवांस मशीनें होती हैं। 

बोरवेल की दीवार से रिसने लगा पानी...परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
80 फीट गहरे बोरवेल में फंसा राहुल ने हिम्मत नहीं हारी है, वह अपनी तरफ से पूरा जज्बा बनाए हुए है। इतना ही नहीं दीवारों से रिस रहा पानी बोरवेल के अंदर भर गया। लेकिन वह एक डब्बे के जरिए उसे निकाल कर रस्सी के जरिए बाहर दे रहा है। हालांकि परिजनों का यह भी कहना है कि उनके बच्चे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती है, जिसके चलते और वह दुखी हैं। मां से लेकर तमाम नाते-रिश्तेदार मौके पर पिछले दो दिन से बिलख रहे हैं। माता-पिता ने तो दो दिन से कुछ खाया पीया भी नहीं है। उनका कहना है कि वह अपने बेटे के बाहर निकलने के बाद ही कुछ खाएंगे।

बच्चे के पिता ने बताया कैसे कुएं में गिरा बच्चा
बोरवेल में गिरे राहुल के पिता लाला राम साहू ने बताया कि यह बोरवेल करीब 80 फीट गहरा है, जो उन्होंने अपने घर के पीछे बने खेत में खुदवाया था। उन्होंने यह भी कहा कि पानी नहीं निकलने पर उसे खुला ही छोड़ दिया था। यह हमारी गलती थी, जिसका अंजाम भी हमें भगुतना पड़ा है। हमारा बच्चा ही खेलते-खेलते इस बोरवेल में गिर गया।

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