सार
छत्तसीगढ़ के जांजगीर-चंपा जिले से एक दुखद घटना सामने आई है। जहां एक 11 साल का बच्चा खेलते-खेलते घर के पास 80 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया। बच्चे को बचाने के लए अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री सीएम बघेल ने बच्चे के माता पिता से फोन पर बात की है। सीएम ने परिजनों से कहा कि सकुशल राहुल को निकाल लिया जाएगा।
जांजगीर-चंपा (छत्तीसगढ़). प्रदेश के जांजगीर-चंपा जिले में 11 साल का बच्चा 80 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया। मासूम को सुरक्षित बचाने के लिए पिछले 19 घंटे से रेस्क्यू अभियान जारी है। रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के पास एक 50 फीट से ज्यादा खुदाई कर दी है। वहीं बच्चे के लिए बहर से ऑक्सीजन दी जा रही है। जिला प्रशासन के साथ-साथ डॉक्टरों की टीम भी मौके पर मौजूद है। वहीं सैंकड़ों की संख्या में भीड़ मौजूद है। सभी लोग मासूम के सुरक्षित निकल जाने की दुआ कर रहे हैं। एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं।
मासूम के रोने की आवाज बाहर तक सुनाई दे रही
दरअसल, यह दुखद हादसा शुक्रवार को दोपहर दो बजे के करीब का बताया जा रहा है। जहां राहुल नाम का बच्चा अचानक बोरवेल में गिर गया। तब से लेकर अब तक बच्चे के चीखने की आवाजें सुनाई दे रही हैं। उसकी हलचल पूरी तरह सुनाई और दिखाई दे रही हैं बाहर मासूम के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंची खबर
बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंच गई है। उन्होंने बच्चे को बचाने के लए अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने बच्चे के माता पिता से फोन पर बात की है। सीएम ने परिजनों से कहा कि सकुशल राहुल को निकाल लिया जाएगा। आप लोग धैर्य रखें, राहुल की सकुशल वापसी होगी। सीएम ने जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को नजर बनाए रखने को कहा है।
बच्चे के पिता ने बताया कैसे कुएं में गिरा बच्चा
पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि बच्चे का नाम राहुल साहू है। वह अपने घर के पीछे बने बोरवेल में गिर गया। सूचना मिलते ही प्रशासन अलर्ट हो गया। वहीं, शाम चार बजे से बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। बाहर से उसे ऑक्सीजन दी जा रही है। जल्द ही वह सुरक्षित निकल जाएगा। बोरवेल में गिरे राहुल के पिता लाला राम साहू ने बताया कि यह बोरवेल करीब 80 फीट गहरा है, जो उन्होंने अपने घर के पीछे बने खेत में खुदवाया था। उन्होंने यह भी कहा कि पानी नहीं निकलने पर उसे खुला ही छोड़ दिया था। यह हमारी गलती थी, जिसका अंजाम भी हमें भगुतना पड़ा है। हमारा बच्चा ही खेलते-खेलते इस बोरवेल में गिर गया।