यहां बच्चों को पेट से बांधकर सो रहीं मां, पता नहीं कब गोद हो जाए सूनी..रातभर जाग पहरा देते हैं पति

Published : Aug 30, 2020, 02:35 PM IST
यहां  बच्चों को पेट से बांधकर सो रहीं मां, पता नहीं कब गोद हो जाए सूनी..रातभर जाग पहरा देते हैं पति

सार

छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हाथियों ने उत्पात मचा रखा है, इनके आतंक से गांववाले दहशत जी रहे हैं। हाथियों का झुंड कई लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। अपने घरों में रहने के बावजदू भी यहां के लोग सुरक्षित नहीं हैं, इसलिए यहां बच्चों को कपड़े से पेट पर बांधकर सोती हैं महिलाएं।

अंबिकापुर, छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हाथियों ने उत्पात मचा रखा है, इनके आतंक से गांववाले दहशत जी रहे हैं। हाथियों का झुंड कई लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। अपने घरों में रहने के बावजदू भी यहां के लोग सुरक्षित नहीं हैं, तभी तो सरगुजा संभाग  के अधिकतर गांव में महिलाएं अपने बच्चों को कपड़े से पेट पर बांधकर सोती हैं। ताकि हमला हो तो वह उनको साथ लेकर भाग सकें।

कुछ ही देर में घर को तहस-नहस कर देते हैं हाथी
इन दिनों हाथी प्रदेश के बलरामपुर के राजपुर और वाड्रफनगर के गांवों में उत्पात मचा रहे हैं। यहां कई लोगों को हाथियों ने मार डाला। यही वजह है कि यहां कि लोग अपने बच्चों को सरकारी भवन या आंगनबाड़ी-स्कूल में सोने को मजबूर हो गए हैं। क्योंकि लोगों के कच्चे मकानों को हाथी जरा सी देर में तहस-नहस कर देते हैं। 

पुरुष रातभर करते हैं निगरानी, तब सो पाती हैं महिलाएं
लोगों ने बताया कि इतना डर उनको कोरोना या बारिश का नहीं लगता जितना कि हाथियों से लगने लगा है। उन्होंने यहां के कई लोगों के घरों को उजाड़ दिया है। इसलिए हम लोग शाम होते ही अपने बच्चों को लेकर सरकारी भवनों सोने चले जाते हैं। इन भवनों में एक साथ कई महिलाएं सोती हैं, जिनमें पुरुष जागकर रातभर पहरा देती हैं। अगर यहां भी हाथी आ जाता है तो उनको यहां से भी भागना पड़ता है।

वन विभाग के मना करने के बाद भी यहां से नहीं हटते लोग
वहीं इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों ने जंगल में अपना घर बना लिया है।  कई बार इन लोगों को यहां से हटाया गया, लेकिन वह नहीं मानते और  सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहने लग जाते हैं। जंगल होने के कारण हाथी यहां ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।

हाथियों के हमले की लोगों ने बताई आपबीती
जंगल में रहने वाले लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र में करीब 10 हाथियों का दल है, वह कभी झुंड में आकर हमला कर देते हैं तो कभी अकेले ही हाथी पूरा घर उजाड़ देता है। बारसात के दिनों में यहां की बिजली गुल रहती है, जिसके चलते हाथी दिखाई नहीं देता है और वह आक्रमण कर देता है। हम लोगों ने जिला प्रशासन से टार्च की मांग की है।

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