लापरवाही की हद पार: डॉक्टरों ने कहा महिला मर चुकी है ले जाइए, चिता पर लिटाते ही चलने लगीं सांसें

 पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भूपेश बघेल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 'सरकार का अव्यवस्थाओं और लापरवाही में कोई मुकाबला नहीं है, दोनों में ही यह सरकार अव्वल है। यहां तो सरकार खुद बीमार हालत में है। सोचिए! इस सरकार की लचर व्यवस्थाओं ने एक जिंदा महिला को शमशान घाट में चिता पर लिटा दिया।

Asianet News Hindi | Published : Apr 29, 2021 12:35 PM IST / Updated: Apr 29 2021, 06:10 PM IST

रायपुर (छत्तीसगढ़). कोरोनाकाल में डॉक्टर अपनी जान खतिर में डालकर संक्रमित मरीजों की जान बचाने में जुटे हुए हैं। वहीं महामारी के दौर में कुछ ऐसी घटनाएं भी हो रहीं जहां मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसी बीच छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से डॉक्टरों की लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है जिसकी हर कोई चर्चा कर रहा है। जहां एक जिंदा महिला को मृत घोषित कर दिया, जब उसे चिता पर लेटाया गया तो उसकी सांसे चलने लगीं। 

पूर्व सीएम ने कहा-सरकार खुद बीमार है..
दरअसल, लापरवाही के इस घटना के बाद राज्य में राजनीतिक लोग भी आमने-सामने आकर कई तरह के गंभीर आरोप लगाने लगे। वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भूपेश बघेल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 'सरकार का अव्यवस्थाओं और लापरवाही में कोई मुकाबला नहीं है, दोनों में ही यह सरकार अव्वल है। यहां तो सरकार खुद बीमार हालत में है। सोचिए! इस सरकार की लचर व्यवस्थाओं ने एक जिंदा महिला को शमशान घाट में चिता पर लिटा दिया।

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डॉक्टरों कर चुके थे मृत घोषित
बता दें कि रायपुर की सबसे बड़ी सरकारी डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल से यह मामला सामने आया है। जहां 72 साल की लक्ष्मी बाई अग्रवाल बुधवार  को खाना खाते समय बेहोश जैसी हो गईं थीं। उनका नाती नीरज जैन किसी तरह उन्हें एंबुलेंस में लेकर अस्पताल पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने पूरी जांच करने के बाद कहा कि महिला की मौत हो चुकी है। नीरज ने बताया कि नानी के जाने की खबर सुनते ही हम सभी दुखी हो गए। फिर जैसे-तैसे अपने आपको संभालने के बाद नानी का शव लेकर गोकुल नगर श्मशान पहुंचे।

चिता पर लेटाया तो चलने लगीं सांसे
परिजन महिला को मृत मानकर शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले गए। जब उन्होंने शव को चिता पर लेटाया तो महिला में हलचल होने लगी। परिवार के लोग देखकर हैरान थे, कि आखिर कोई मरा हुआ व्यक्ति कैसे जिंदा हो सकता है। वह वापस अस्पताल लेकर भागे। डॉक्टरों ने किसी तरह उसे बचाने की कोशश की, लेकिन कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।

मामला बढ़ा तो अस्पताल प्रबंधन को दनी पड़ी सफाई
वहीं जब मामला ज्यादा बढ़ा तो अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर विनित जैन ने सफाई देते हुए कहा है कि जो मरीज लाया गया था उनका केजुअल्टी विभाग में ECG किया गया था जो कि फ्लैट आया था, उनकी पल्स भी नहीं चल रही थी। इसके बाद ही उन्हें मृत घोषित किया गया था। उन्होंने कहा कि महिला को जब वापस श्मशान से अस्पताल लेकर परिजन वापस पहुंचे हुए थे, तब भी मृत थीं। शव में मांस पेशियों की अकड़न की प्रक्रिया शुरू हो गई थी, जिसे परिवार ने जिंदा समझा।

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