छत्तीसगढ़ के इस गांव में पेड़ पर बन रहा आयुष्मान कार्ड, दो किमी पैदल चल पहुंचते हैं ग्रामीण,वजह जान चौंक जाएंगे

आदिवासी विकासखंड मैनपुर से महज 16 किलोमीटर दूर बसे बड़े गोबरा गांव में इस वक्त प्रशासन की तरफ से आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। जब सरकारी कर्मचारी कार्ड बनाने गांव पहुंचे तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने जंगल में ही कैंप लगा दिया।

Asianet News Hindi | Published : Feb 11, 2022 10:08 AM IST

गरियाबंद : भले ही देश में डिजिटल इंडिया की बात हो रही है। चौतरफा विकास के बड़े-बड़े दावे हो रहे हों लेकिन अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहां न्यू इंडिया की बात बेमानी सी लग रही है। ऐसा ही एक गांव है बड़े गोबरा। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद (Gariaband) जिले में आने वाले इस गांव में आज भी इंटरनेट कनेक्शन नहीं है। आदिवासी विकासखंड मैनपुर से महज 16 किलोमीटर दूर बसे इस गांव में इस वक्त प्रशासन की तरफ से आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। जब सरकारी कर्मचारी कार्ड बनाने गांव पहुंचे तो उन्हें इंटरनेट कनेक्शन ही नहीं मिला।

सिग्नल की तलाश में पहुंचे जंगल
सरकारी कर्मचारी लैपटॉप और अन्य उपकरण लेकर गांव में इधर-उधर भटकते रहे लेकिन उन्हें कहीं भी सिग्नल नहीं मिला। ऐसे में सिग्नल की तलाश करते हुए वे गांव से करीब दो किलोमीटर दूर जंगल में पहुंच गए। यहां जैसे ही उन्हें नेटवर्क मिला, उन्होंने वहीं कैंप डाल दिया और पेड़ पर चढ़कर आयुष्मान कार्ड बनाने लगे। अब यहीं से गांव वालों का कार्ड बनाया जा रहा है। आयुष्मान कार्ड बनाने पहुंचे कर्मचारी डोमेश पटेल, लक्ष्मण ठाकुर और शिक्षक दामोदर नेगी ने बताया कि गोबरा में इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसलिए जहां अच्छा नेटवर्क आता है, वहीं कैप लगाकर आयुष्मान कार्ड बना रहे हैं। 

Latest Videos

इसे भी पढ़ें-बिना सुरक्षा नक्सलियों के गढ़ में स्कूटी से पहुंची महिला विधायक, जहां मारे गए थे 26 नक्सली, पुलिस भी डरती!

गांव के ज्यादातर हिस्से में कनेक्शन नहीं
बता दें कि वनांचल क्षेत्र गोबरा में नेटवर्क नहीं होने से गांव वाले काफी परेशानियों  का सामना करते हैं। उन्हें दूर जाकर मोबाइल से बात करनी पड़ती है। उन्होंने कई बार गांव में टावर लगाने की मांग की लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई और आज भी उनकी समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया गया। गांव वालों का कहना है कि उनके लिए उनका मोबाइल किसी काम का नहीं है। आज के समय में बिना इंटरनेट के कोई भी काम आसान नहीं। गांव के ज्यादातर हिस्सों में कनेक्टिविटी नहीं होने से उन्हें काफी दिक्कतें होती हैं। कई आवेदन दिए लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। अब उन्हें इंतजार है कि सरकार कब उनकी सुध लेगी और उनके गांव तक टावर पहुंचेगा।

इसे भी पढ़ें-शॉकिंग मामला: फेरे से पहले दुल्हन ने दिया बच्चे को जन्म, बीच में रोकनी पड़ीं शादी की सारी रश्में..

इसे भी पढ़ें-शॉकिंग क्राइम: समलैंगिक युवक ने सेक्स की चाहत मे कर दी 13 साल के बच्चे की हत्या, पुलिस को सुनाई खौफनाक कहानी

Share this article
click me!

Latest Videos

Hezbollah में जो लेने वाला था नसरल्ला की गद्दी, Israel ने उसे भी ठोका
नवरात्रि 2024: कन्या पूजन करते समय इन 5 बातों का रखें ध्यान
दंतेवाड़ा में 28 नक्सलियों का एनकाउंटर, मुख्यमंत्री ने कहा- ये डबल इंजन सरकार का कमाल
Rahul Gandhi LIVE: राहुल गांधी का हरियाणा के महेंद्रगढ़ में जनता को संबोधन।
'घंटा-शंख से परेशानी है तो कान बंद कर लो', Yogi ने किसे बताया चंड-मुंड और महिषासुर