नाम-पता नहीं बताएंगे तो रावण दहन नहीं देख पाएंगे, जानिए क्या है दशहरे की नई गाइडलाइन...

आयोजकों और दर्शकों को मास्क लगाना, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। नाच-गाना, डीजे और बैंड-बाजे पर रोक लगाई गई है। 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही आयोजन हो सकेगा। किसी भी स्थिति में जवाबदेही आयोजकों की ही होगी।

Asianet News Hindi | Published : Oct 13, 2021 3:04 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में इस दशहरा (Dussehra 2021) रावण दहन देखने जाने वालों को अपना नाम-पता और मोबाइल नंबर नोट करना होगा। दशहरा उत्सव समितियां एक रजिस्टर रखेंगी। जिसमें वहां आने वाले सभी लोगों के नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज होगा। ऐसी गाइडलाइन कोरोना को देखते हुए जारी की गई है, ताकि संक्रमण मिलने की स्थिति में कांटैक्ट ट्रेसिंग की जा सके। इतना ही नहीं सभी आयोजन समितियां अलग-अलग माध्यमों से लोगों को यह जानकारी देंगी कि इस साल कार्यक्रम को सीमित किया गया है। 

नाच-गाना और डीजे पर पाबंदी
रायपुर (raipur) अपर कलेक्टर की ओर से जारी दिशा-निर्देश में कोरोना से सावधानियों को लेकर जरूरी उपाय किए गए हैं। दशहरा आयोजन समितियों के साथ बैठक के बाद कलेक्टर निर्देश जारी किए हैं। जिसके मुताबिक रावण दहन के किसी कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम, भंडारा और पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। नाच-गाने, डीजे और बैंड बाजे की भी मनाही की गई है। 

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सिर्फ 50% लोग हो सकेंगे शामिल
गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि आयोजन में किसी अतिरिक्त साज-सज्जा और झांकी नहीं होनी चाहिए। रावण दहन में मुख्य अतिथि सहित मैदान की क्षमता से 50 प्रतिशत से अधिक लोग नहीं आ सकते। सभी को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना, मास्क लगाना और समय-समय पर हाथ को सैनिटाइज करते रहना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वालों पर महामारी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

आयोजकों ही होगी जवाबदेही
जिला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि दशहरा उत्सव समिति ही थर्मल स्कैनर, ऑक्सीमीटर, हैंडवॉश और भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था करेगी। थर्मल स्कैनिंग में किसी व्यक्ति को बुखार मिलता है या कोरोना का कोई लक्षण नजर आता है, तो ऐसे व्यक्ति को भीतर आने से रोकने की जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी। आगजनी जैसी स्थिति से बचने के लिए रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे की बैरिकेडिंग होनी है। वहां आग बुझाने की पर्याप्त व्यवस्था अनिवार्य होगी। आयोजकों को NGT और प्रदूषण कानूनों का भी ध्यान रखना होगा।

कंटेनमेंट जोन में नहीं होगा रावण दहन
गाइडलाइन के अनुसार, कंटेनमेंट जोन इलाकों में रावण नहीं जलाया जाएगा। अगर कहीं अनुमति मिलने के बाद उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है, तो कार्यक्रम को तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा। वहां कंटेनमेंट जोन के सभी प्रतिबंध लागू हो जाएंगे।

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