- Home
- States
- Madhya Pradesh
- 'घर की इज्जत' के लिए अनूठी रेस: बहुओं को सबक सिखाने लोटा लेकर दौड़ीं सास, देखिए सीख देने वाली तस्वीरें..
'घर की इज्जत' के लिए अनूठी रेस: बहुओं को सबक सिखाने लोटा लेकर दौड़ीं सास, देखिए सीख देने वाली तस्वीरें..
- FB
- TW
- Linkdin
फांडा गांव के कई घर ऐसे हैं, जहां शौचालय तो है, बावजूद इसके बहुएं शौच के लिए बाहर जा रहीं हैं। पंचायत खुले में शौच मुक्त (odf)भी हो चुका है। फिर भी कुछ महिलाएं नहीं मान रही। ऐसी महिलाओं के लिए उनकी सास हाथ में पानी से भरा लोटा लेकर 100 मीटर तक दौड़ीं।
दौड़ने वाली महिलाओं की उम्र 50-60 साल थीं। दर्शक दीर्घा में बहुएं और बेटियां बैठी रहीं। दौड़ पूरी होने के बाद सास ने विनिंग प्वाइंट पर पानी से भरा लोटा फेंका है। साथ ही संदेश दिया कि बहुएं जिंदगी भर खुले में शौच न जाएं। उनका कहना है कि खुले में शौच करने से शर्मिंदगी होती है। इसलिए हमने बाहर शौच जाना छोड़ दिया है। बहुएं बात नहीं मान रही थी, अब रेस में उतरकर उन्हें नसीहत दी।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य जो गांव ODF घोषित हो चुके हैं, उन गांवों में खुले में शौच जाने पर जागृति लाना था। दौड़ का आयोजन तीन राउंड में किया गया था। फाइनल राउंड के आधार पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेता का चयन किया गया।
लोटा दौड़ में तीन महिलाओं को विजेता घोषित किया गया है। जीत की खुशी में बहुओं ने अपनी सास को फूलों की माला पहनाया है। फर्स्ट राधा प्रजापत, सेकंड मंजू प्रजापति और थर्ड अर्पिता प्रजापति रही हैं। इन्हें मेडल भी दिया गया है। भोपाल में पहली बार ऐसा किया गया है।
इस आयोजन के पीछे का मकसद गांव के लोगों में जागरूकता पैदा करना था। लोटा दौड़ के जरिए प्रशासन ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि खुले में शौच नहीं जाएं। शौच के लिए इज्जत घर में ही जाएं। सासों ने बहुओं को संदेश दिया है कि हमने अब खुले में शौच जाना छोड़ दिया है। गांव की महिलाओं ने भी बड़े उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सामाजिक संदेश देने वाली इस खास तरह की रेस की हर तरफ चर्चा हो रही है।