रायपुर में 7 नवजात की मौत, पिता बोले डॉक्टर कहते-'किडनी खराब है..दिल में छेद, 10 मिनट की बची है जिंदगी'

यह दुखद घटना मंगलवार रात की बताई जा रही है। परिजनों का अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बिना ऑक्सीजन लगाए दूसरे अस्पताल में रेफर किया जा रहा था।

Arvind Raghuwanshi | Published : Jul 21, 2021 5:43 AM IST / Updated: Jul 21 2021, 11:35 AM IST

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां जिला अस्पताल में एक साथ 7 नवजातों की मौत हो गई। जबकि डॉक्टरों तीन की जानकारी दी है, वहीं परजनों ने दावा किया है कि 3 नहीं 7 बच्चे डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से एक के बाद एक दम तोड़ते चले गए। इसके बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया, वहीं मृत नवजातों के परिजनों ने भी जमकर हंगामा किया। 

पिता ने बताई आंखों देखी दर्दभरी घटना
दरअसल, यह दुखद घटना मंगलवार रात की बताई जा रही है। परिजनों का अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बिना ऑक्सीजन लगाए दूसरे अस्पताल में रेफर किया जा रहा था। एक बच्चे के पिता ने कहा कि मैंने अपनी आंखों से अस्पताल के स्टॉप को 7 बच्चों के शव ले जाते देखा है।

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ऑक्सीजन सिलेंडर मांगते रहे, लेकिन नहीं दिया
वहीं एक बच्चे के पिता घनश्याम सिन्हा ने बताया कि उनके बच्चे की तबीयत बिगड़ने के बाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे निजी हॉस्पिटल में जाने का कह दिया। साथ में कोई ऑक्सीजन सिलेंडर भी नहीं दिया। बच्चे की स्थिति गंभीर थी इसलिए हम लोग सिलेंडर की मांग करते रहे, लेकिन हमारी एक नहीं सुनी।

रात 12 बजे तक परिजन बच्चों के शव लेकर बिलखते रहे
मामले की जानकारी मिलते ही मौक पर पुलिस पहुंची। लेकिन इसके बाद भी काफी देर तक हंगामा होता रहा। परिजन अपने बच्चों के शव लेकर बिलख रहे थे। बच्चों के इंटेंसिव केयर यूनिट में रात 12 बजे के आसपास किसी तरह पुलिस ने परिजनों को शांत कराया। वहीं  अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बच्चों की मौत सामान्य थी। वह जन्म के बाद ही गंभीर रुप से बीमार थे, किसी का वजन कम था तो कोई रो नहीं रहा था। इसके बाद भी डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की।

पिता ने बताई डॉक्टरों की लापरवाही की कहानी
बेमेतरा के रहने वाले श्याम कुमार ने बताया कि हम अपने बच्चे की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे 15 जुलाई को रायपुर जिला अस्पताल लेकर आए हुए थे। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद कई गंभीर बीमारियां बताने लगे। पहले दिन कहा कि इसकी  किडनी खराब हैं। तो दूसरे दिन कहा बच्चे के दिल में छेद है। फिर कहने लगे की वह नहीं बचेगा उसकी जिदंगी के बस 10 मिनट ही बचे हैं। किसी तरह से कोई सही जानकारी नहीं दे रहा था।

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