अब रायपुर की धर्म संसद में गांधीजी को अपशब्द, गोडसे की तारीफ, 2 दिन पहले हरिद्वार में भड़काऊ बातें कही गई थीं

Published : Dec 27, 2021, 10:00 AM ISTUpdated : Dec 27, 2021, 12:55 PM IST
अब रायपुर की धर्म संसद में गांधीजी को अपशब्द, गोडसे की तारीफ, 2 दिन पहले हरिद्वार में भड़काऊ बातें कही गई थीं

सार

उत्तराखंड (Uttrakhand) के बाद अब छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की धर्म संसद (Dharm sansad) विवादों में है। रायपुर (Raipur) में दो दिवसीय धर्म संसद के मंच से महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के बारे में गलत बातें कही गईं। महाराष्ट्र (Maharashtra) से आए संत कालीचरण (Sant Kalicharan) ने मंच से गांधीजी के बारे में अपशब्द बोले। उन्होंने कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए राष्ट्र पर कब्जा करना है। 

रायपुर। उत्तराखंड (Uttrakhand) के बाद अब छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की धर्म संसद (Dharm sansad) विवादों में है। रायपुर (Raipur) में दो दिवसीय धर्म संसद के मंच से महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के बारे में गलत बातें कही गईं। महाराष्ट्र (Maharashtra) से आए संत कालीचरण (Sant Kalicharan) ने मंच से गांधीजी के बारे में अपशब्द बोले। उन्होंने कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए राष्ट्र पर कब्जा करना है। साल 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया। मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। उन्होंने मंच से नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) की प्रशंसा की और कहा- नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया। दो दिन से चल रहे इस धार्मिक आयोजन में देशभर से संत-महात्मा जुटे।

कालीचरण ने ओवैसी को लेकर भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि सुनिश्चित करें कि आप एक हिंदू कट्टरपंथी को अपना नेता बनाएं। वह किसी भी पार्टी का हो। कालीचरण महाराज शिव स्त्रोत के पाठ के लिए जाने जाते हैं। कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक और राज्य गोसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कालीचरण के बयान का विरोध किया और मंच छोड़ दिया। रामसुंदर दास दूधाधारी मठ के महंत हैं। इस धर्म संसद के समापन समारोह में शामिल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कार्यक्रम छोड़ दिया। इससे पहले दिन में जूना अखाड़े के प्रबोधानंद ने हिंदुओं से अपने धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र धारण करने की बात कही थी।

भीड़ ने तालियां बजाकर स्वागत किया
रविवार को धर्म संसद का दूसरा और आखिरी दिन था। समापन समारोह में संत कालीचरण जब भाषण दे रहे थे, तब दर्शकों के बीच कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे, भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने और नंदकुमार साय भी मौजूद थे। नाथूराम गोडसे को जब दोनों हाथ जोड़कर कालीचरण ने नमस्कार किया तो भीड़ जय श्रीराम के नारे लगाकर तालियां बजाने लगी। कालीचरण पिछले साल सोशल मीडिया पर एक वीडियो की वजह से चर्चा में आए थे, जिसमें वह मंदिर के भीतर शिव तांडव स्त्रोत गाते हुए नजर आ रहे थे।

"

कट्टर हिंदूवादी होना चाहिए आपका राजा...
धर्म संसद में कालीचरण ने कहा कि राजा यानी कि सांसद, विधायक देश का मंत्री और प्रधानमंत्री ऐसा होना चाहिए जो कट्टर हिंदूवादी हो। हमेशा लोग वोट देने नहीं जाते, ऐसा न करने पर देश में इस्लाम हावी होगा। लोगों को अपने घरों से निकलकर ज्यादा से ज्यादा वोट देना चाहिए और ऐसा राजा चुनना चाहिए जो कट्टर हिंदुत्ववादी हो, चाहे राजनीतिक दल कोई भी हो। कालीचरण ने धर्मांतरण के मामलों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि देश की जाति व्यवस्था के कारण ऐसा हो रहा है। समाज के जिन वर्गों को मंदिरों में प्रवेश नहीं मिला, जिन्हें समाज ने प्रेम नहीं दिया, वे दूसरे धर्म को अपना रहे हैं। उनकी देखादेखी दूसरे लोग भी कर रहे हैं। जाति व्यवस्था खत्म कर सभी को सम्मान देने से इस समस्या का हल होगा। 

महंत रामसुंदर दास ने विरोध में ये कहा...
महंत रामसुंदर दास ने कहा कि मैं इस कार्यक्रम से ताल्लुक नहीं रखता। हालांकि आयोजकों ने उन्हें मुख्य संरक्षक बनाया था। रामसुंदर दास ने कहा कि मंच से महात्मा गांधी को गाली दी गई है, हम इसका विरोध करते हैं। ये सनातन धर्म नहीं और ना ही धर्म संसद के मंच पर इस तरह की बात होनी चाहिए। इतना कहकर महंत रामसुंदर दास मंच से उतर गए और तमतमाए हुए अंदाज में वापस दूधाधारी मठ लौट गए।

बघेल बोले- भाजपा क्यों चुप है, हम ऐसे बयान बर्दाश्त नहीं करेंगे
इस संबंध में छत्तीसढ़ के CM भूपेश बघेल ने कहा कि उनके (संत कालीचरण) द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में इतना बड़ा बयान दिया गया है लेकिन भाजपा नेताओं की तरफ से मामले में एक भी बयान नहीं आया है। भाजपा मौन है। ये धरती शांति की है। यहां पर उत्तेजक और हिंसात्मक बातें बर्दाश्त नहीं की जाती हैं। राष्ट्रपिता के बारे में इस प्रकार की बातें बोलना निश्चित रूप से दर्शाता है कि उनकी मानसिक स्थिति क्या है। जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। जितने भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं वह उठाए जाएंगे।
 

"

हरिद्वार की धर्म संसद में हिंदुओं से हथियार उठाने की अपील
उत्तराखंड के हरिद्वार में दो दिन पहले धर्म संसद हुई थी। इसमें भड़काऊ भाषण का एक वीडियो सामने आने के बाद से बवाल मच गया है। दरअसल, इस धर्म संसद में एक वक्ता ने विवादित भाषण दिया और कहा था कि धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को हथियार उठाने की जरूरत है। वक्ता ने कहा था कि किसी भी हालत में देश में मुस्लिम प्रधानमंत्री ना बने। वक्ता ने कहा था कि मुस्लिम आबादी बढ़ने पर रोक लगानी होगी। मामले में हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने दंड संहिता की धारा 153 ए के तहत केस दर्ज किया है। अब संतों ने अपनी सफाई में कहा है कि हमारे भाषण आम मुसलमान या आम लोगों के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि मुस्लिम जिहादियों के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि अदालतों में विचार और फैसला किया जाए कि बहुसंख्यक समाज अगर कुछ बोलता है तो उस पर एफआईआर दर्ज हो जाती है और अल्पसंख्यक कुछ भी बोलते हैं तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।

कौन है ये महंत, जिन्होंने गुस्से में मंच से ही कहा- माफ करें, मैं इस धर्म संसद से खुद को अलग करता हूं

धर्म संसद में जुटे देशभर के साधु संत, राम मंदिर निर्माण के अलावा इन प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर

ओवैसी ने CM योगी और PM मोदी पर की थी टिप्पणी, साक्षी महाराज ने दिया करार जवाब, देखें वीडियो

PREV

छत्तीसगढ़ की सरकारी योजनाएं, शिक्षा-रोजगार अपडेट्स, नक्सल क्षेत्र समाचार और स्थानीय विकास रिपोर्ट्स पढ़ें। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और बस्तर क्षेत्र की खबरों के लिए Chhattisgarh News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — सबसे विश्वसनीय राज्य कवरेज यहीं।

Recommended Stories

छत्तीसगढ़: बीजापुर में नक्सली ऑपरेशन में मारे गए 12 माओवादी, 3 सुरक्षाकर्मी भी शहीद
रायगढ़ : ऐसा क्या हुआ? RPF जवान ने हेड कांस्टेबल दोस्त की हत्या, सिर में मारी 4 गोली