टेरर फंडिंग : आतंकियों का मददगार गिरफ्तार, SIMI और इंडियन मुजाहिदीन को पहुंचाता था पैसे, रायपुर पुलिस ने पकड़ा

राजू खान पिछले 7 साल से फरार चल रहा था। राजू खान के जरिए पैसा SIMI और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों तक पहुंच रहा था। पुलिस से बचने के लिए वह बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था। इस बीच रायपुर पुलिस को खबर मिली कि वह बंगाल में है। इसके बाद एक टीम रायपुर से बंगाल गई, राजू को ट्रेस किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 7, 2021 5:57 PM IST / Updated: Dec 07 2021, 11:28 PM IST

रायपुर : टेरर फंडिंग के एक मामले में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (raipur) की पुलिस ने आतंकियों के मददगार राजू खान को पकड़ लिया है। उसकी गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल (West Bengal ) से हुई है। वह 56 साल का है और साल 2013 से रायपुर पुलिस की वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था। राजू खान पिछले 7 साल से फरार चल रहा था। राजू खान के जरिए पैसा SIMI और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों तक पहुंच रहा था। पुलिस से बचने के लिए वह बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था। इस बीच रायपुर पुलिस को खबर मिली कि वह बंगाल में है। इसके बाद एक टीम रायपुर से बंगाल गई, कुछ दिन वहीं रुककर राजू को ट्रेस किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे बुधवार को पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया जाएगा। 

एक साथी पहले ही हो चुका है गिरफ्तार
राजू खान का एक साथी धीरज साव जो की रायपुर में ही रहता था, उसे साल 2013 में गिरफ्तार किया जा चुका है। इस वक्त वह जेल में 10 साल की सजा काट रहा है। धीरज साव बिहार (bihar) का रहने वाला है। वो साल 2011 से खमतराई इलाके में चिकन का ठेला लगाया करता था। 2011 में ही पाकिस्तान से किसी खालिद नाम के शख्स ने इसे फोन किया और कहा था कि उसे बैंक खाते खोलकर कुछ लोगों के खाते में रुपए ट्रांसफर करने होंगे। इसके बदले में रुपए मिलेंगे। धीरज साव ने ये काम शुरू कर दिया। रायपुर के रहने वाले उसके मौसेरे भाई श्रवण मंडल ने इसमें उसकी मदद की।

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आतंकियों तक पहुंचते थे पैसे
NIA जांच में खुलासा हुआ कि पाकिस्तानी (Pakistan) ने इन्हें कहा था कि खाते में आने वाली रकम का 13% कमीशन काटकर बाकी के पैसे राजू खान, जुबैर हुसैन और आयशा बानो नाम के लोगों के अकाउंट में ट्रांसफर करने हैं। धीरज साव ही राजू खान के खातों में रुपए पहुंचाता था। NIA को ये सबूत मिले थे कि ये पैसे SIMI और इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों तक पहुंच रहे हैं। साल 2013 में धीरज की गिरफ्तारी रायपुर में हुई। इसके मौसेर भाई श्रवण को भी तब पकड़ा गया था। इनसे मिले इनपुट के आधार पर मैंगलोर के रहने वाले जुबैर और आयशा की भी गिरफ्तारी हुई, लेकिन राजू खान किसी तरह फरार हो गया था। अब इस केस के सभी आरोपी रायपुर की सेंट्रल जेल में हैं।

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