पूरा देश कोरोना के कहर से जूझ रहा है, ऐसी मुश्किल घड़ी में असली योद्धा बनकर उभरी हैं भारत की नर्सें, जो अपने परिवार से दूर रहकर 15 घंटे की ड्यूटी कर रही हैं। ऐसी ही एक मिसाल पेश की है, छत्तीसगढ़ की एक नर्स ने, जो आज एक महीने बाद घर पहुंची है।
रायपुर. पूरा देश कोरोना के कहर से जूझ रहा है, ऐसी मुश्किल घड़ी में असली योद्धा बनकर उभरी हैं भारत की नर्सें, जो अपने परिवार से दूर रहकर 15 घंटे की ड्यूटी कर रही हैं। ऐसी ही एक मिसाल पेश की है, छत्तीसगढ़ की एक नर्स ने, जो आज एक महीने बाद घर पहुंची है।
अस्पताल में रहकर दिन रात करती थी ड्यूटी
दरअसल, नर्स आरती देवांगन रायपुर की एम्स अस्पताल में पिछले एक महीन से मरीजों की सेवा कर रही थी। इस दौरान वह एक दिन के लिए भी अपने घर नहीं गई। लेकिन, उसके चेहरे पर कोई थकावट नहीं दिखाई दी। बल्कि वो बोली-हमारा फर्ज है, देश को संकट से निकालना।
अपनी बेटी को छोड़ संक्रमित महिला की बच्ची को संभाला
नर्स आरती देवांगन एम्स अस्पताल में एक पॉजिटिव महिला की नवजात बेटी की मां की तरह देखरेख कर रही थी। बता दें कि नर्स की खुद एक ढाई साल की बेटी है, इसके बावजूद भी उसने संक्रमित महिला की बच्ची को पहले प्राथमिकता दी।
एक महीने बाद बेटी से मिली नर्स
कोरोना ड्यूटी करने के बाद वो जब अपने घर पहुंची तो अपनी बेटी को देखकर वह बहुत खुश हुई। उसने मीडिया से बात करते हुए कहा-अपनी बच्ची के साथ एक अर्सा बाद वो वक्त बिता रहीं है। एक महीने बाद वह मैंने पति और बेटी के साथ खाना खाया। आरती ने बताया कि कोरोना वॉरियर के तौर पर काम करने के लिए पति से उन्हें मोटिवेशन मिला, उन्होंने घर पर रहकर बच्ची का ध्यान रखा।