43 किमी साइकिल चलाकर स्कूल जाती है मैकेनिक की ये बेटी, अब देश के लिए नासा में करेगी रिसर्च

रितिका ने अपनी मेहनत और लगन से एक बड़ा मुकाम हासिल करते हुए ये साबित कर दिया कि अभाव की जिंदगी में भी परिश्रम से सब कुछ पाया जा सकता है। रितिका का चयन नासा के सिटिजन साइंस प्रोजेक्ट अभियान के लिए हुआ है। 

महासमुंद(Chhattisgarh). दिल में अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी मंजिल कभी नामुमकिन नहीं होती। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है छत्तीसगढ़ के एक साइकिल बनाने वाले की बेटी रितिका ने। रितिका ने अपनी मेहनत और लगन से एक बड़ा मुकाम हासिल करते हुए ये साबित कर दिया कि अभाव की जिंदगी में भी परिश्रम से सब कुछ पाया जा सकता है। रितिका का चयन नासा के सिटिजन साइंस प्रोजेक्ट अभियान के लिए हुआ है। 

महासमुंद जिले के सिरपुर की रहने वाली रितिका ध्रुव स्वामी आत्मानंद इंगलिश मीडियम स्कूल नयापारा में 11वीं क्लास में पढ़ती है। उसके पिता की सिरपुर में एक छोटी सी साइकिल रिपेयरिंग की दुकान है। घर में बेहद आर्थिक तंगी होने के बावजूद भी रितिका के हौसले बहुत बड़े हैं। रितिका का चयन जिस प्रोजेक्ट के लिए हुआ है उसके तहत नासा इसरो के साथ अंतरराष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग कार्यक्रम में साझेदारी का हिस्सा है। ये प्रोजेक्ट क्षुद्रग्रह की खोज करता है और स्कूली बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए ये संस्था ऐसे प्रोजेक्ट बनाती है। इस प्रोजेक्ट के लिए देश भर से कुल छह बच्चों को चुना गया है। 

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पढ़ाई के लिए हर रोज चलाती है 43 किमी साइकिल 
रितिका ध्रुव महासमुंद जिले के सिरपुर में रहती हैं। लेकिन पढ़ाई करने के लिए उसे हर दिन जिला मुख्यालय महासमुंद के स्वामी आत्मानंद इंगलिश मीडियम स्कूल जाना पड़ता है। जिसके लिए उसे आने-जाने में 43 किलोमीटर का सफर तय करना होता है। ये सफर रितिका साइकिल से ही तय करती है। रितिका बेहद सामान्य परिवार से है। रितिका का इसरो तक का सफर उसकी मेहनत और लगन की कहानी कहता है। 

आगे भी जारी रहेगी पढ़ाई 
रितिका ध्रुव की इस सफलता से जिले में पूरे जिले में खुशी का माहौल है। तमाम लोग उसे व उसके परिवार को बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं।  मीडिया से बात करते हुए रितिका ने कहा कि उसे इस उपलब्धि से बहुत अच्छा लग रहा है। मैं अपने सपने के काफी करीब हूं। इस सफलता में मेरे शिक्षकों और माता-पिता का बड़ा  योगदान है। हर समय मेरे शिक्षक और मेरा परिवार मेरे साथ खड़े रहे। मैं इनको थैंक्यू कहना चाहती हूं। रितिका ने कहा है कि मैं आगे भी पढ़ाई जारी रखूंगी।

सीएम और शिक्षा मंत्री ने भेजी बधाई 
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने रितिका ध्रुव की इस उपलब्धि के लिए उसे बधाई भेजी है। वहीं महासमुंद के कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर का कहना है कि रितिका की उपलब्धि पूरे जिले ही नहीं बल्कि सूबे के लिए गौरव की बात है। 

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