छत्तीसगढ़ में लापरवाही से 10 माह के बच्चे की मौत,अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द-3 डॉक्टर समेत 7 को नौकरी से हटाया

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक 10 महीने के बच्चे की डॉक्टरों की लापरवाही के चलते जान चली गई। जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। इसके अलावा 3 डॉक्टर और 4 अस्पताल के स्टॉफ को नौकरी से हटा दिया गया है।

Arvind Raghuwanshi | Published : Nov 17, 2022 12:27 PM IST / Updated: Nov 17 2022, 08:22 PM IST

भिलाई (छत्तीसगढ़). डॉक्टरों की लापरवाही से रोजाना कई लोगों की जान जा रही है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग से एक ऐसा ही शर्मनाक मामला सामने आया है। जहां एक तीन पैरामेडिकल कर्मियों की लापरवाही के चलते एक 10 महीने के बच्चे की मौत हो गई। बच्चे के पिता ने आरोप लगाया है कि अगर बेटे को इंजेक्शन का ओवर डोज नहीं दिया होता तो वह आज जिंदा होता। परिवार के जरिए अस्पताल के स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज कराने के बाद आरोपियों पर सख्त एक्शन लिया गया है।

7 लोगों को नौकरी से निकाला...
दरअसल, यह मामला दुर्ग जिले के देवबालोदा गांव का है, जहां सर्दी जुकाम के इलाज के लिए 17 अक्टबूर को 10 महीने के बच्चे को उसके परिजनों ने एक प्राइवेट हॉस्पिटल  भर्ती कराया था। लेकिन इलाज के दौरान 31 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई। बच्चे के पिता ने हॉस्पिटल पर आरोप लगाया था की बच्चे को जरूरत से ज्यादा इंजेक्शन का खुराक दिए गया था। मामला दुर्ग जिला प्रशासन तक पहुंचा और इसकी जांच के लिए एक ठीम का गठन किया था। अब इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए बुधवार को सख्त एक्शन लिया है।  जिसके चलते 3 डॉक्टर और 4 अस्पताल के स्टॉफ को नौकरी से हटा दिया गया है।

Latest Videos

जांच कमेटी में दोषी पाए गए डॉक्टर
मामले की जांच कर रहे छावनी सिटी के एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले में मृतक बच्चे के दादा महेश वर्मा की शिकायत पर हमने मामला दर्ज किया था। मामले की जांच के लिए दुर्ग के चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर जेपी मेशराम ने स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम गठित की। जिसमें सिद्धि विनायक हॉस्पिटल के डॉक्टर सुमित राज प्रसाद, डॉक्टर दुर्गा सोनी, डॉक्टर हरिराम यादु और डॉक्टर गिरिश साहु समेत तीन पैरामेडिकल स्टाफ विभा साहु, आरती साहु और निर्मला यादव की लापरवाही सामने आई। रिपोर्ट में सामने आया कि इन्हीं लोगों की गलती के चलते बच्ची की जान गई  थी। 

अस्पताल का रजिस्ट्रेशन भी हुआ रद्द
इतना ही नहीं लापरवाही के चलते अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा अस्पताल के प्रबंधन पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। क्योंकि प्रशासन की तरफ से नर्सिंग होम एक्ट की धाराओं का हवाला देते हुए अस्पताल संचालक को 30 दिन की नोटिस दिया गया था। लेकिन इस दौरान कोई संतुष्ट जनक जवाब नहीं मिला तो अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद कर दिया गया। हालांकि जिन सात लोगों को नौकरी से हटाया गया है अब तक इनमें से किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

Share this article
click me!

Latest Videos

घूंघट में महिला सरपंच ने अंग्रेजी में दिया जोरदार भाषण, IAS Tina Dabi ने बजाई तालियां
PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया
UP के जैसे दिल्ली में भी... आतिशी ने BJP पर किया सबसे बड़ा वार
Odisha Case: Rahul Gandhi ने Army अधिकारी की मंगेतर से थाने में बर्बरता पर साधा निशाना
झारखंड में सिर्फ भाजपा ही कर सकती है ये काम #shorts