तेरा साथ न छोड़ेंगे...साथी प्लेयर की मौत के बाद अर्थी लेकर स्टेडियम पहुंची टीम...,रुक नहीं रहे थे आंसू


भावुक करने वाला यह मंजर छत्तीसगढ़ के सुकमा स्थित मिनी स्टेडियम का है। ब्लड कैंसर से अपनी जिंदगी हारने वाला दिलीप खलखो युवा जागृति क्लब से जुड़ा था।

Asianet News Hindi | Published : Mar 3, 2020 12:10 PM IST / Updated: Mar 03 2020, 05:42 PM IST

सुकमा, छत्तीसगढ़. भावुक करने वाला यह दृश्य सुकमा के मिनी स्टेडियम का है। यहां युवा जागृति क्लब की फुटबॉल टीम कोई मैच हारने के बाद नहीं रो रही थी, बल्कि अपने साथी को हमेशा के लिए खोने से दु:खी थी। साथी प्लेयर की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए वे उसकी अर्थी को स्टेडियम लाए थे। शवयात्रा के साथ स्टेडियम का चक्कर काटने के बाद जब उसे कुछ समय के लिए मैदान में रखा, तो सारे खिलाड़ी फफक-फफक के रो पड़े। बता दें कि सम्राट नगर निवासी दिलीप खलखो (42) को ब्लड कैंसर था। उसने रविवार रात करीब 11.30 बजे जिला अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। दिलीप के दोस्त बताते हैं कि बीमारी के दिनों में भी वो स्टेडियम आने की इच्छा रखता था। हालांकि जीते-जी उसकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई। इसलिए वे लोग शवयात्रा स्टेडियम लेकर आए। मृतक बचपन से ही इसी स्टेडियम में फुटबाल खेला करता था।


पिता भी कैंसर से दुनिया छोड़कर गए थे
पिछले महीने पेट दर्द की शिकायत पर दिलीप को भिलाई इलाज के लिए ले जाया गया था। तकलीफ बढ़ने पर उसे हैदराबाद रेफर किया गया। वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे ब्लड कैंसर बताया था। उसके इलाज के लिए सभी दोस्तों ने बढ़-चढ़कर मदद की। हालांकि दिलीप का शरीर कमजोर होने से डॉक्टरों ने कीमीथैरेपी और रेडिएशन देने से मना कर दिया था। 27 फरवरी को दिलीप ने डिस्चार्ज करा लिया। संभवत: उसे अंदाजा हो चुका था कि जिंदगी कुछ ही दिनों की बाकी है।  दिलीप के पिता भी 8 महीने पहले कैंसर के चलते चल बसे थे। यह परिवार मूलत: जशपुर जिले के कुनकरी बासबहार का रहने वाला है। दिलीप के परिवार में मां के अलावा तीन बड़ी बहनें, पत्नी और डेढ़ साल की बच्ची है। खिलाड़ियों ने मिनी स्टेडियम का नामकरण डीके स्टेडियम करने की मांग की है।

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