
भिलाई, छत्तीसगढ़. झारखंड में भाजपा की हार को लेकर तमाम तरह की अटकलें हैं। कोई इसे भाजपा से मोहभग्न बता रहा है, तो कोई मुख्यमंत्री रघुवर दास का कड़क मिजाज। सबके अपने-अपने आकलन है, लेकिन रघुवर दास की बेटी इसकी कुछ और वजह बताती हैं। उल्लेखनीय है कि जमशेदपुर पूर्व सीट से रघुवर दास अपने ही कैबिनेट के पूर्व सहयोगी सरयू राय से 15 हजार वोटों से हार गए। सरयू भाजपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे। इस हार का दर्द रघुवर दास के अलावा उनके परिजनों के अंदर भी साफ देखा जा सकता है।
बेटी को लगा गहरा झटका..
रघुवर दास की बेटी रेणु साहू की शादी दुर्ग के रहने वाले यशपाल साहू से हुई है। नतीजे के दिन रेणु और यशपाल टीवी से चिपके रहे। लेकिन ज्यों-ज्यों नतीजे आते गए, उनकी आस टूटती गई। मन उदास होता गया। जब रघुवर दास को खुद हारते देखा, तो रेणु मायूस होकर अंदर चली गई। इसके बाद किसी से नहीं मिली। अपने पाप को हारने का अभी भी उसके चेहरे पर साफ पढ़ा जा सकता है। रेणु अपने पापा की हार की वजह उनका नेचर मानती हैं। साथ ही कार्यकर्ताओं और सरयू राय ने जो दुष्प्रचार किया, वो भी एक बड़ी वजह रही।
(पुराना फोटो: अपनी बेटी, बेटे और पत्नी के साथ रघुवर दास)
ईमानदारी बनी हार का कारण..
रेणु दो टूक कहती है कि पापा एकदम साफ बोलते हैं। बिना किसी लाग-लपेट के। जब वो मुख्यमंत्री बने, तो कुछ कार्यकर्ताओं ने चाहा कि पापा उन्हें दारू का ठेका दिलवा दें। किसी को कोयला का ठेका चाहिए था। लेकिन पापा ईमानदारी से काम करने वालों में रहे हैं। उन्होंने किसी को तवज्जो नहीं दी। इन लोगों ने दुष्प्रचार किया। उल्लेखनीय है कि रघुवर दास के दामाद यशपाल एनटीपीसी-सेल पॉवर कंपनी लिमिटेड) में डिप्टी मैनेजर हैं। वे यहां पद्मनाभपुर में अपने छोटे भाई और परिजनों के साथ रहते हैं। यशपाल गर्व से कहते हैं कि पापा आंतरिक विरोध का शिकार हो गए। लेकिन उन्हें गर्व है कि पापा ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।
छत्तीसगढ़ की सरकारी योजनाएं, शिक्षा-रोजगार अपडेट्स, नक्सल क्षेत्र समाचार और स्थानीय विकास रिपोर्ट्स पढ़ें। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और बस्तर क्षेत्र की खबरों के लिए Chhattisgarh News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — सबसे विश्वसनीय राज्य कवरेज यहीं।