लॉक डाउन में भी मर्दों के नहीं टिक रहे थे घर में पैर, तो गांव के बॉर्डर पर खुद खड़ी हो गईं मर्दानी

यह तस्वीर रायपुर के एक गांव की है। यहां के पुरुष लॉक डाउन को लेकर घोर लापरवाही बरते रहे थे। जब वे नहीं सुधरे, तो गांव में संक्रमण रोकने महिलाएं ढाल बनकर गांव के बॉर्डर पर खड़ी हो गईं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 30, 2020 6:46 AM IST

रायपुर, छत्तीसगढ़. कोरोना के संक्रमण को रोकने देश में 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया है। इस दौरान जरूरी काम छोड़कर लोगों को घर में ही रहने को कहा गया है। ऐसे में भी कई लोग बेवजह तफरी करने बाहर निकल रहे हैं। ये लोग संक्रमण की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। यह तस्वीर रायपुर के एक गांव की है। यहां के पुरुष लॉक डाउन को लेकर घोर लापरवाही बरते रहे थे। जब वे नहीं सुधरे, तो गांव में संक्रमण रोकने महिलाएं ढाल बनकर गांव के बॉर्डर पर खड़ी हो गईं।


लाख मना करने के बाद भी नहीं मान रहे थे पुरुष...
रायपुर जिले के जोरा गांव की महिलाओं ने गांव में आने-जाने पर रोक लगा दी है। महिलाओं का कहना है कि गांव के पुरुष कोरोना संक्रमण की गंभीरता को नहीं समझ रहे थे। लाख समझाने के बावजूद वे तफरी करने गांव से बाहर जा रहे थे। वहीं, कोई भी गांव में आ-जा रहा था। इसे देखते हुए अब महिलाओं ने खुद गांव में आने-जाने पर सख्ती से पाबंदी लगाने जिम्मेदारी संभाली है।

महिलाओं ने कहा कि अब गांव के किसी भी पुरुष को बाहर जाने नहीं दिया जा रहा है। अगर किसी को आवश्यक काम से जाना पड़ रहा, तो उन्हें सैनिटाइज करके ही आने-जाने दिया जा रहा है। महिलाओं ने सख्त लहजे में कहा कि समझाइश के बाद भी अगर कोई नहीं माना, तो डंडे चलाने से भी उन्हें कोई संकोच नहीं होगा। गांव में अलग-अलग शिफ्टों में महिलाएं ड्यूटी कर रही हैं। महिलाओं ने कहा कि युवकों को गांव से बाहर घूमने का बड़ा शौक है। अभी यह शौक उन्हें काबू में रखना होगा। हालांकि अब महिलाओं के तेवर देखकर गांव के पुरुष चुपचाप घरों में बैठ गए हैं।

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