पति ने सोचा कि पत्नी पुल से सिक्का नदी में फेकेंगी, लेकिन उसने सिक्का रखकर बेटे को फेंक दिया

कोई मां ऐसा कैसे कर सकती है? इस घटना से यह सवाल उठना लाजिमी है। घरेलू विवाद के चलते एक महिला ने अपने दो महीने के बच्चे को नदी में फेंक दिया। उसका कहना है कि ससुराल के अलावा मायके में भी उसे सब डांटते रहते हैं। इसलिए वो जीना नहीं चाहती। जानिए फिर क्या हुआ?

Asianet News Hindi | Published : Nov 22, 2019 8:28 AM IST / Updated: Nov 22 2019, 05:10 PM IST

रायपुर (छत्तीसगढ़). एक महिला अपने पति, ससुराल के अलावा मायके वालों से भी बेहद नाराज थी। उसका तर्क है कि उसे कोई पसंद नहीं करता। इसी बात पर गुस्से में आकर उसने अपने 2 महीने के बच्चे को नदी में फेंक दिया। गनीमत रही कि उस वक्त वहां से गुजर रहे तीन युवकों की नजर घटना पर पड़ गई और उन्होंने मासूम को बचा लिया। घटना गुरुवार दोपहर 3 बजे शहर की खारुन नदी के पुल पर हुई। कपल पुल पर ही झगड़ रहा था। इस बीच महिला ने पति से सिक्का मांगा। उसको लगा कि वो कोई मन्नत मांगने सिक्का नदी में फेंकना चाहती होगी। उसने सिक्का दे दिया। पत्नी सिक्के को लेकर पुल के किनारे पहुंची और अचानक बच्चे को नदी में फेंक दिया। 


बच्चे को नदी में डूबता देख वहां से गुजर रहे तीन युवकों में से एक राकेश धृतलहरे ने पुल से 45 फीट नीचे नदी में छलांग लगा दी। उसने बच्चे को बचा लिया। बच्चा अभी हॉस्पिटल में भर्ती है। पुलिस ने बच्चे की मां रेशमा को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी महिला का कहना है कि उसका पति मनोहर साहू अकसर शहर से बाहर रहता है। उसे ससुराल और मायके दोनों में कोई पसंद नहीं करता। उसे छोटी-छोटी बातों पर डांटा जाता है। वो इसी बात से परेशान थी। महिला ने बताया कि वो बच्चे को मारने के बाद खुद भी सुसाइड करना चाहती थी। डीडी नगर की टीआई मंजूलता राठौर ने कहा कि बच्चे को बचाने वाले तीनों साहसी युवकों का पुलिस सम्मान करेगी।

बच्चे को बचाने वाले राकेश ने बताया कि वो अपने दोस्त प्रवीण सारंग और पल्लव देवांगन के साथ रायपुरा गांव जा रहा था। तभी पुल पर उन्होंने कपल को झगड़ते देखा। महिला ने नदी में कुछ फेंका था। उसे लगा कि शायद पूजा की सामग्री होगी, लेकिन जब झांका, तो बच्चा छटपटा रहा था। उसने बिना किसी देर के नदी में छलांग लगा दी। बच्चा नदी में 5 फीट नीचे चला गया था। वहां से उसे बाहर निकालकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया।


सोने का लॉकेट लेने के बाद भी लड़ती रही पत्नी
मनोहर ने बताया कि रेशमा 10 दिनों से मायके में थी। वो उसे लेने गया था। उसने बच्चे के लिए सोने का लॉकेट लेने की जिद की। दोनों ने रायपुर से लॉकेट खरीदा। इसके बाद वे अपने घर अमलेश्वर लौट रहे थे। रास्ते में रेशमा घर की समस्याओं को लेकर बहस करने लगी। महादेव घाट पर रेशमा ने बाइक रुकवाई। उसके बाद एक सिक्का मांगा। मनोहर को लगा कि रेशमा किसी मन्नत के लिए सिक्का नदी में फेंकेगी, लेकिन उसने बच्चे को नदी में फेंक दिया। बता दें, मनोहर छत्तीसगढ़ी फिल्मों में सेट तैयार करता है। शूटिंग की वजह से उसे अकसर बाहर रहना पड़ता है।

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