Corona Virus: WHO की चीफ साइंटिस्ट ने नेचुरल इन्फेक्शन से हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने को बताया 'मूर्ख विचार'

कोरोना संक्रमण (corona virus) की तीसरी लहर भारत सहित ज्यादातर देशों में उतार पर है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने एक अलग चेतावनी दी है। उन्होंने नेचुरल इन्फेक्शन से हर्ड इम्यूनिटी(Herd immunity) को लेकर निश्चिंत लोगों को आगाह किया है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 4, 2022 5:29 AM IST

नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण (corona virus) की तीसरी लहर भारत सहित ज्यादातर देशों में उतार पर है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन(Dr Soumya Swaminathan) ने एक अलग चेतावनी दी है। उन्होंने नेचुरल इन्फेक्शन से हर्ड इम्यूनिटी(Herd immunity) को लेकर निश्चिंत लोगों को आगाह किया है। NDTV को दिए एक इंटरव्यू में स्वामीनाथ ने स्प्ष्ट कहा कि कोरोना के खिलाफ नेचुरल इन्फेक्शन के जरिये हर्ड इम्यूनिटी हासिल करना मूखर्तापूर्ण विचार होगा।

सब वेरिएंट BA.2 का दिया हवाला
सौम्या स्वामीनाथन ने चेताया कि ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BA.2 मूल वेरिएंट BA.1 की तुलना में कहीं अधिक संक्रामक है। इसका ट्रांसमिशन अन्य सब वैरिएंट से अधिक है। दुनिया के कई देश इसकी चपेट में हैं। स्वामीनाथन ने डेनमार्क और भारत का उदाहरण दिया। स्वामीनाथन ने साफ कहा कि WHO अभी ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। इस नए वैरिएंट पर अभी स्टडी जारी है। स्वामीनाथन ने दो टूक कहा कि 2 महीने का समय कम है ओमिक्रोन के बारे में जानने के लिए। 

वैक्सीनेशन को लेकर राहत की बात
स्वामीनाथन ने यह जरूर कहा कि लैब में हुई एक स्टडी से यह पता चला है कि एंटीबॉडीज से नया वैरिएंट बेअसर रहेगा, ऐसी संभावना कम है। लेकिन वैक्सीनेशन के चलते मरीजों की मौत का आंकड़ा कम है, यह अच्छी बात है। स्वामीनाथ ने वैक्सीन को कोरोना रोकने में प्रभावी और बेहतर रक्षा प्रणाली बताया।

WHO पहले ही चेता चुका है कि खतरा अभी टला नहीं
इससे पहले भारत में कोरोना मामलों में गिरावट पर WHO की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की रिजनल डायरेक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह (Poonam Khetrapal Singh) ने चेताया था कि खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए लोगों को कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि हालात के अनुसार सार्वजनिक उपायों को लागू किया जाना चाहिए और टेस्टिंग और वैक्सीनेशन को बढ़ाना चाहिए। हम अब भी महामारी के बीच में हैं और कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। एंडेमिक होने का मतलब यह नहीं है कि वायरस चिंता का विषय नहीं होगा।’ 

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