ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने भारत में कोरोना वायरस(coronavirus) के खिलाफ इस्तेमाल में लाए जा रही कोविशील्ड और कोवैक्सीन को नियमित रूप से बाजार में लाने के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की है।
नई दिल्ली. भारत में कोरोना संक्रमण (corona virus) के खिलाफ जारी लड़ाई में स्वदेशी वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन (Covishield and Covaccine) का ही सबसे बड़ा योगदान रहा है। अब इन दोनों वैक्सीन को नियमिततौर पर बाजार में लाने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने मंजूरी देने की सिफारिश की है। अभी इन दोनों वैक्सीन को भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी है। पिछले हफ्ते की बैठक के दौरान एसईसी ने दोनों कंपनियों से अधिक डेटा और जानकारी मांगी थी। अगर यह सिफारिश मंजूर हो गई, तो दोनों वैक्सीन जल्द बाजार में उपलब्ध हो सकती हैं।
सीरम ने 25 अक्टूबर को किया था आवेदन
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने इस मामले में 25 अक्टूबर को डीसीजीआई को एक आवेदन दिया था। उस पर डीसीजीआई ने सीरम से अधिक डेटा और दस्तावेज मांगे थे, जिसके बाद सिंह ने हाल ही में अधिक डेटा और जानकारी डीसीजीआई को दी थी। बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट को इसी वर्ष देश में कोविशील्ड के इमरजेंसी उपयोग के लिए मंजूरी दी गई थी.
तीसरी लहर से गंभीर बीमारों को अधिक खतरा
इस बीच हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर से सीनियर सिटीजन और गंभीर रूप से बीमार लोगों को अधिक खतरा है। पहली और दूसरी लहर में इन्हें कोरोना से महफूज कर लिया गया, लेकिन इस बार हालात खराब हैं। बता दें कि 15 दिन में ही नए मामलों में 571 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 7 जनवरी को जहां 4.72 लाख एक्टिव केस थे, वहीं 19 जनवरी को ये 19.16 लाख तक पहुंच गए।
WHO ने चेताया
दुनिया के तमाम देशों में कोरोना संक्रमण (corona virus) पीक पर पहुंच चुका है। चूंकि इसका असर खतरनाक तौर पर नहीं देखा जा रहा है, लेकिन जिस गति से केस बढ़े हैं, उसे देखते हुए WHO ने चेताया है कि ओमिक्रोन को हल्के में न लें, क्योंकि खतरा अभी गया नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के महानिदेश टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने दुनिया को चेतावनी दी है कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को हल्के में न लें। कुछ देशों में ये महामारी भले पीक को पार गई है, जिससे उम्मीद है कि सबसे बुरा दौर गुजर चुका है, लेकिन संभल कर रहें, खतरा अभी गया नहीं है।
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