
वाशिंगटन। कोविड 19 (Covid 19) की कई लहरें झेल चुकी दुनियाभर में अब पढ़ाई के हाईब्रिड तरीकों पर बात हो रही है। इसी बीच एक अमेरिकी अध्ययन में दावा किया गया है कि स्कूलों में हाइब्रिड पढ़ाई से कोविड-19 का कम्युनिटी स्प्रेड बड़े पैमाने पर कम किया जा सकता है। जर्नल बीएमसी पब्लिक हेल्थ में यह अध्ययन छपा है। रिसर्चर्स का कहना है कि हाईब्रिड पढ़ाई से नीति निमार्ताओं को कोविड-19 की अन्य लहर या इसी प्रकार की अन्य बीमारियों के बीच फैसले करने में काफी सहूलियत होगी।
जार्जिया इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी ने किया रिसर्च
अमेरिका स्थित जॉर्जिया इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर और इस अध्ययन के प्रमुख पिनार केस्किनोकाक कहते हैं कि महामारी की शुरुआत में जब स्कूलों को बंद करना शुरू हुआ तब दो वर्गों के लोगों के बीच बहस शुरू हो गई। कुछ लोग पक्ष में थे और कुछ विरोध में थे। इस दौरान सवाल उठे कि क्या हमें सामाजिक कीमत और शिक्षा पर होने वाले असर से अधिक लाभ मिलेगा? केस्किनोकाक ने कहा कि अध्ययन से साफ नजर आता है कि संक्रमण कम करने में स्कूल बंद करने और हाइब्रिड शिक्षा के इस कदम से फायदा मिला। खासतौर पर ऐसी जगहों पर बहुत लाभकारी साबित हुआ, जहां दवाओं की कमी थी।
ऐसे किया गया रिसर्च
अध्ययनकर्ताओं ने अध्ययन के नतीजों पर पहुंचने के लिए कोविड-19 के संक्रमण का कृत्रिम मॉडल अपनाया। इसके साथ ही उन्होंने स्कूल खोलने की अलग-अलग रणनीति के असर का आकलन किया, जिनमें स्कूलों को पूरी तरह से बंद करना, एक बच्चे को हफ्ते में दो दिन बुलाना या हर दूसरे दिन बुलाना, केवल छोटे बच्चों को बुलाना और नियमित बुलाने जैसी गतिविविधियां की गर्इं।
अध्ययन के नतीजे
13 प्रतिशत संक्रमण पूरी तरह से स्कूल बंद करने से रुका।
11 प्रतिशत मामले बच्चों को हफ्ते में दो बार बुलाने से घटे।
9 प्रतिशम मामले कम हुए बच्चों को दो दिन में एक बार बुलाने से।
6 प्रतिशत मामले कम हुए सिर्फ छोटे बच्चों को स्कूल बुलाने से।
इस अध्ययन से निष्कर्ष निकाला गया कि स्कूलों को पूरी तरह से बंद करने से बेहतर बच्चों को पढ़ाई हाइब्रिड तरीके से पढ़ाना है। हाइब्रिड तरीके की पढ़ाई में कम बच्चों को बुलाकर पढ़ाई और आॅनलाइन क्लास दोनों ही शामिल होती हैं।
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