एक गलती और IPL बर्बाद, UAE में 13वें सीजन के लिए कुछ ऐसा है 16 पन्नों का हेल्थ-सेफ्टी प्रोटोकॉल

हेल्थ और सेफ़्टी सिक्युरिटी के लिए मल्टी लेयर्ड सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाया गया है। प्रोटोकॉल 16 पन्नों का है जिसे बीसीसीआई ने टीम मालिकों के साथ साझा किया है। टीम मालिकों और खिलाड़ियों की फैमिली को भी प्रोटोकॉल फॉलो करना होगा। 

स्पोर्ट्स डेस्क। इस बार कोरोना वायरस की महामारी के चलते बीसीसीआई ने टी 20 के घरेलू टूर्नामेंट आईपीएल को भारत से बाहर यूएई के न्यूट्रल वेन्यू पर कराने का फैसला हुआ है। हालांकि 18 सितंबर से 8 नवंबर तक प्रस्तावित 13वें सीजन के लिए अभी अक भारत सरकार से मंजूरी नहीं मिली है, मगर बीसीसीआई बहुत तेजी से तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा है। कहने की बात नहीं कि लंबे समय तक चलने वाले टूर्नामेंट के लिए सुरक्षा मानकों को पूरा करना एक बड़ी चुनौती है। हेल्थ और सेफ़्टी सिक्युरिटी के लिए मल्टी लेयर्ड सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाया गया है। प्रोटोकॉल 16 पन्नों का है जिसे बीसीसीआई ने टीम मालिकों के साथ साझा किया है। इसमें हर उस आशंका को दूर रखने की कोशिश की गई है जिससे लंबे समय तक चलने वाले इवेंट में कोरोना का साया न पड़े। 

आईपीएल के लिए हर टीम और हर यूनिट का अपना "बायो सिक्योर बबल" होगा। ये कुछ-कुछ वैसा ही जैसा वेस्टइंडीज और पाकिस्तान दौरे के लिए इंग्लैंड ने बनाया है। यूएई पहुंचने से पहले ही टीम फ्रेंचाइजी, खिलाड़ियों, सपोर्टिंग स्टाफ और टूर्नामेंट से जुड़े दूसरे लोगों को इसे फॉलो करना ही होगा। कहने की बात नहीं कि सिर्फ एक गलती से बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। आईपीएल की एक फ्रेंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब के को-आउनर नेस वाडिया ने कहा भी,  "आईपीएल को लेकर बहुत सारे कयास लगाए जा रहे हैं। हम (टीम मालिक) केवल एक चीज जानते हैं कि IPL हो रहा है। हम इसमें खिलाड़ियों और दूसरे शामिल हो रहे लोगों की सेफ़्टी को लेकर चिंतित हैं। एक मामला भी (पॉज़िटिव केस) आईपीएल को बर्बाद कर सकता है।" 

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टेस्टिंग और ट्रैवल को लेकर क्या है नियम 
20 अगस्त से पहले कोई भी टीम यूएई नहीं पहुंच सकती। अगर संभव हो तो चार्टर्ड प्लेन से ही यूएई पहुंचने की सलाह दी गई है। भारत से रवाना होने से पहले खिलाड़ियों को दो बार टेस्ट कराना होगा। इसके बाद यूएई में पहुंचने के बाद 6 दिनों तक के लिए सभी खिलाड़ी और सपोर्टिंग स्टाफ को होटल के कमरों में क्वारंटीन रहना होगा। इस दौरान तीन बार सभी का टेस्ट होगा। तीनों टेस्ट निगेटिव आने के बाद ही खिलाड़ियों और स्टाफ को रेगुलर ट्रेनिंग और प्रैक्टिस के लिए टूर्नामेंट के लिए बनाए गए "बायो सिक्योर बबल या इनवायर्नमेंट" में एंट्री मिलेगी। इसके बाद हर पांच दिन पर टेस्ट अनिवार्य होगा। 

 

फ्रेंचाईजी को अपॉइंट करना होगा डॉक्टर 
प्रोटोकाल के मुताबिक सभी फ्रेंचाइजी को एक डॉक्टर भी अपॉइंट करना होगा। डॉक्टर पर टीम की सभी मेडिकल गाइडलाइंस सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी होगी। मेडिकल स्टाफ को एडवांस में अपनी तैयारियां करनी होंगी। कम से कम दो हफ्ते पहले मेडिकल टीम को खिलाड़ियो और सभी स्टाफ की 1 मार्च 2020 से मेडिकल और ट्रैवल हिस्ट्री प्रीपेयर करनी होगी। टीम असेंबली से दो हफ्ते पहले टेम्परेचर और सिंपटम चेकिंग को ऑनलाइन लाइव करना होगा। 

कैसा होगा बायो सिक्योर बबल 
आईपीएल की सभी 8 टीमों को अलग-अलग होटलों में रुकना होगा। किस तरह के होटलों में रुकना होगा इसके लिए भी सलाह दी गई है। किसी होटल का एक पूरा विंग या छोटी प्रॉपर्टी को बुक किया जाए ताकि बायो सिक्योर बबल में बाहरी न घुस पाएं। प्रोटोकाल में होटल के अलावा ट्रेनिंग सेशन, मैच और ट्रांसपोटेशन को लेकर भी जोन बनाए गए हैं। 

स्टेडियम में कैसा होगा बायो सिक्योर बबल 
मैच के दौरान "स्टेडियम बायो सिक्योर बबल" तीन अलग-अलग जोन में बांटे गए हैं। संबंधित से अपने जोन के प्रोटोकाल को कड़ाई से फॉलो करने को कहा गया है। सभी जोन के लिए सलाह दी गई है कि कम्यूनिकेशन ज्यादा से ज्यादा और जहां तक संभव हो फोन या वीडियो कॉल के जरिए ही की जाए। 

 

बबल के तीन जोन में क्या-क्या?
पहले जोन में खिलाड़ियों, मैच ऑफिशियल्स के साथ "फील्ड ऑफ प्ले" है। दूसरा "इनर जोन" है जिसमें मैच के दौरान स्टेडियम कॉम्प्लेक्स के सभी ओपरेशनल क्षेत्र शामिल होंगे। और तीसरा आउटर जोन होगा। इसमें स्टेडियम के बाहर बाउंड्री वाल्स के अंदर का एरिया आएगा। 

तो बाहर ही होगी मीटिंग 
टीम मीटिंग और ड्रेसिंग रूम के लिए भी नियम बनाए गए हैं। साफ कहा गया है कि मीटिंग के दौरान सोशल डिस्टेन्शिंग के लिए टेक्नोलॉजी की ज्यादा से ज्यादा मदद ली जाए। सोशल डिस्टेन्शिंग के तहत ग्रुप मीटिंग आउटडोर ही होगी। इनडोर मीटिंग किसी बड़े कमरे में ही हो सकती है जहां सोशल डिस्टेन्शिंग के लिए पर्याप्त जगह हो। 

 

फुलप्रूफ होगा टीम ड्रेसिंग रूम 
ड्रेसिंग रूम में भी नियमों को कड़ाई से फॉलो करना होगा। बायो सिक्योर बबल के मुताबिक केवल इशेंशियल स्टाफ को ही साइट पर रहने की अनुमति होगी। किसी दूसरे या बाहर के किसी शख्स या पब्लिक को बिल्कुल अनुमति नहीं होगी। 

मैच के दौरान का प्रोटोकाल कैसा होगा?
मैच प्रोटोकाल आईसीसी की गाइडलाइन के मुताबिक ही होगा। गेंद चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा। मैच के दौरान खिलाड़ियों और सपोर्टिंग स्टाफ को दूसरे की पानी की बोतल, तौलिया या किट या उपकरण इस्तेमाल करने से रोका गया है। मैच के दौरान ग्राउंड पर केवल एक एंट्री पॉइंट होगा। 

ट्रांसपोटेशन के लिए भी नियम सख्त हैं। यहां तक कि टीम की बस में ड्राइवर को भी खिलाड़ियों से अलग रखने की व्यवस्था करने को कहा गया है। मैच के दौरान दो टीमों के कप्तान आपस में "इलेक्ट्रानिक मैच सीट" साझा करेंगे जिसमें प्लेइंग इलेवन की जानकारी होगी। ड्रिंक ब्रेक के पहले और बाद में सभी खिलाड़ियों को अपने हाथ सैनिटाइज करने होंगे। 

पॉजिटिव केस निकलने पर क्या?
सस्पेक्टेड या पॉजिटिव केस निकलने की स्थिति में भी गाइडलाइंस हैं। इसके मुताबिक अगर ऐसा होता है तो टीम के डॉक्टर की जिम्मेदारी है कि वो तत्काल "आईपीएल मेडिकल मैनेजर" को सूचित करे। संबन्धित को तत्काल मेडिकल प्रोसेस और आइसोलेशन में भेज दिया जाएगा। दो हफ्तों के आइसोलेशन और दो पीसीआर टेस्ट निगेटिव आने के बाद उसे फिर बायो सिक्योर बबल में एंट्री की अनुमति मिलेगी। 

टीम मालिकों और फैमिली के लिए क्या?
सेम प्रोटोकाल सभी टीम मालिकों और खिलाड़ियों की फैमिली पर भी लागू होगा। अगर किसी ने नियम तोड़ा तो उसे सात दिन के लिए क्वारंटीन रहना होगा। छठवें और सातवें दिन की दो पीसीआर टेस्ट निगेटिव आने के बाद ही बायो सिक्योर बबल में दोबारा एंट्री की अनुमति मिलेगी। 

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