इस मामले में बीसीसीआई को मिली बड़ी राहत, अब नहीं चुकाना पड़ेगा 4,800 रुपये का हर्जाना

बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड को अवैध रूप से बर्खास्त करने के मामले में बीसीसीआई के पक्ष में फैसला सुनाया है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 16, 2021 8:22 AM IST

स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड (डीसीएचएल) को अवैध रूप से बर्खास्त करने के मामले में बीसीसीआई के पक्ष में फैसला सुनाया है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए  कहा कि 'यह निर्णय स्वागत योग्य है। इसने हमारी स्थिति को सही ठहराया है क्योंकि हमने हमेशा टीमों के साथ अग्रीमेंट का पालन किया है।'

क्या है पूरा मामला
बता दें कि बीसीसीआई पर आईपीएल की शुरुआती सीजन में टीम रही डेक्कन चार्जर्स को गलत तरीके से लीग से बर्खास्त करने का आरोप था। इसके एवज में पिछले साल जुलाई में बीसीसीआई को 4800 करोड़ रुपये का हर्जाना चुकाने आदेश दिया गया था। साथ ही 2012 से 10% ब्याज दर से पैसे देने के लिए कहा गया था। बता दें कि डेक्कन चार्जर्स, डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड (डीसीएचएल) की टीम थी। जिन्होंने बीसीआई पर केस लगाया था। इसके बाद बीसीसीआई ने जुलाई 2020 के फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उसे 4800 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था।

कहा जाता है कि यह विवाद 2012 में आईपीएल क्रिकेट के 5वें सीजन के दौरान हुआ था। बीसीसीआई ने आरोप लगाया था कि फ्रेंचाइजी ने बोर्ड के कोड का उल्लंघन किया है। जबकि, डीसीएचएल ने फ्रैंचाइजी की नीलामी करने की कोशिश की, उसने पीवीपी वेंचर्स से मिली एकमात्र बोली को अस्वीकार कर दिया। बाद में बीसीसीआई ने टीम से अपना अग्रीमेंट खत्म कर अपने सभी खिलाड़ियों को नीलामी पूल में डाल दिया था।

कोर्ट ने खारिज किया फैसला
जस्टिस जी एस पटेल की बंबई उच्च न्यायालय की पीठ ने एक मध्यस्थ के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को आईपीएल टीम की समाप्ति के विवाद के संबंध में डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग लिमिटेड को 4800 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। बीसीसीआई की ओर से केस को वकील सम्राट सेन, कानू अग्रवाल, इंद्रनील देशमुख, आदर्श सक्सेना, आर शाह और कार्तिक प्रसाद के साथ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पेश किया। वहीं, डीसीएचएल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश जगतियानी, नवरोज सेरवई, शरण जगतियानी, अधिवक्ता यशपाल जैन, सुप्रभा जैन, अंकित पांडे, ऋषिका हरीश और भूमिका चुलानी उपस्थित थे।

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