गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड (Australia vs England) के बीच ब्रिस्बेन में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन खराब अंपायरिंग के एक नहीं बल्कि 3-3 उदाहरण देखने को मिले।
स्पोर्ट्स डेस्क: एशेज सीरीज (Ashes Series) को टेस्ट क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित सीरीज माना जाता है। इस टूर्नामेंट को क्रिकेट का सबसे पुराना टूर्नामेंट होने का भी गौरव हासिल है। हालांकि अब यह सीरीज अब अपना गौरव खोती जा रही है। गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड (Australia vs England) के बीच ब्रिस्बेन में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन खराब अंपायरिंग के एक नहीं बल्कि 3-3 उदाहरण देखने को मिले।
लगातार 3 गेंदें नो बॉल फेंकी, अंपायर को एक भी नहीं दिखी:
इंग्लिश ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने अपने पहले ही ओवर की शुरुआती 3 गेंदें नो बॉल (No Ball) फेंक दी। बड़ी बात ये नहीं है कि स्टोक्स ने नो बॉल क्यों फेंकी। बड़ी बात ये है कि अंपायर को तीन में एक भी नो बॉल दिखाई ही नहीं दी। अब यहां बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि अपांयर को यह नो बॉल दिखाई नहीं दी या वे देखना नहीं चाहते थे।
तकनीक पर फिर उठे सवाल:
खराब अंपायरिंग के तौर पर इस गलती को मान भी लिया जाए तो सवाल ये उठता है कि आखिर तीसरे अंपायर से ये गलती कैसे हो गई। गुरुवार की घटना ने एक बार फिर क्रिकेट में तकनीकी पहलू के इस्तेमाल की बहस को नई हवा दे दी है। इस मैच का परिणाम जो चाहे हो लेकिन गाबा टेस्ट इतिहास में खराब अंपायरिंग को लेकर दर्ज हो गया है। पारी के दौरान स्टोक्स ने कुल 14 नो बॉल फेंकी लेकिन सिर्फ 2 पकड़ी गईं।
चौथी गेंद भी नो बॉल, तीसरे अंपायर ने पकड़ा:
लगातार तीन गेंद नो बॉल फेंकने के बाद तक अंपायर सोते रहे। गलती पकड़ में आई चौथी गेंद पर जब स्टोक्स ने डेविड वॉर्नर को बोल्ड कर दिया। इस पर भी मैदानी अंपायर ने नो बॉल नहीं दी। इसके बाद तीसरे अंपायर द्वारा रिव्यू देखने के बाद यह गलती पकड़ में आई और वॉर्नर को वापस बल्लेबाजी के लिए बुलाया गया। वॉर्नर को मिला यह जीवन इंग्लैंड को भारी पड़ा और उन्होंने 94 रन जमा दिए। जिस वक्त उन्हें जीवनदान मिला वे 17 रनों पर खेल रहे थे।
नो बॉल को लेकर क्या कहता है आईसीसी का नियम:
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (International Cricket Council) ने पिछले साल ही नो बॉल को लेकर नियमों में बदलाव किया था। नए नियमों के तहत नो बॉल पर मैदानी अंपायर के साथ ही तीसरे अंपायर भी नजर रखेंगे। अगर मैदानी अंपायर से गलती होती है तो उसे तीसरा अंपायर सुधार सकता है। स्टोक्स के ओवर की शुरुआती 3 गेंदों को तीसरे अंपायर द्वारा भी नहीं पकड़ा जाना हैरान करता है।
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