लॉकडाउन के बीच गरीबों में खाना बांट रहा था क्रिकेटर, पत्नी बीमार हुई तो नहीं मिल रही कोई मदद

नदीम की पत्नी लिवर की मरीज हैं और उन्हें समय समय पर डॉक्टर की जरूरत पड़ती है, पिछले 4-5 महीनों से उनका इलाज चल रहा है, पर अब उन्हें कमजोरी महसूस होने लगी है। जिसकी वजह से नदीम कोलकाता ले जाकर उनके टेस्ट कराना चाहते हैं, पर उन्हें कोलकाता जाने की अनुमति नहीं मिल पा रही है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 19, 2020 7:54 AM IST

नई दिल्ली. कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया रुक सी गई है। सभी अपने घरों के अंदर कैद हैं और इस महामारी से बचने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच कई लोगों के पास खाने के लिए राशन की कमी भी हो रही है और इनकी मदद के लिए लोग आगे आ रहे हैं। टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाज शाहबाज नदीम भी इनमें से एक हैं। नदीम ने भी लॉकडाउन के बीच अपने घर के आस पास झुग्गियों में रहने वाले लोगों की खासी मदद की है, पर अब उनकी पत्नी की तबियत खराब होने पर उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है। नदीप कोलकाता ले जाकर अपनी पत्नी का इलाज कराना चाहते हैं, पर प्रशासन उन्हें इस बात की परमिशन नहीं दे रहा है। 

नदीम की पत्नी लिवर की मरीज हैं और उन्हें समय समय पर डॉक्टर की जरूरत पड़ती है, पिछले 4-5 महीनों से उनका इलाज चल रहा है, पर अब उन्हें कमजोरी महसूस होने लगी है। जिसकी वजह से नदीम कोलकाता ले जाकर उनके टेस्ट कराना चाहते हैं, पर उन्हें कोलकाता जाने की अनुमति नहीं मिल पा रही है। 

कमजोरी और जी मचलाने से परेशान हैं नदीम की पत्नी 
नदीम ने बताया कि उनकी पत्नी का लिवर फैटी है और पिछले 4-5 महीनों से उनका इलाज चल रहा है। वो डॉक्टर के बताए अनुसार दवाइयां भी खा रही हैं, पर उनको कमजोरी महसूस हो रही है और जी मिचला रहा है। नदीम ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें अपनी पत्नी के कुछ टेस्ट कराने हैं, जिनमें MRI भी शामिल है। उन्होंने धनबाद प्रशासन ने कोलकाता जाने के लिए अनुमति भी ले ली है, पर झारखंड और पश्चिम बंगाल के बॉर्डर पर उन्हें रोक लिया गया है। पुलिस ने उन्हें आगे जाने की परमिशन नहीं दी है क्योंकि उनके अनुसार यह इमरजेंसी केस नहीं है। 

धनबाद में नहीं है सुविधाएं
कोलकाता जाने का फैसला लेने से पहले नदीम ने धनबाद के अस्पतालों में भी इलाज कराने की कोशिश की पर वहां टेस्ट के लिए सुविधाएं नहीं हैं। नदींम ने अपनी पहचान के कई लोगों से मदद मांगी है और उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार से भी मदद मांगेंगे। नदीम के अलावा आम लोगों को भी लॉकडाउन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोई राशन के लिए परेशान है तो कोई इलाज के लिए। मामली चोट लगने पर अब पट्टी करने वाले डॉक्टर भी अब मौजूद नहीं हैं। ऐसे में लोगों की परेशानियां बठती ही जा रही हैं। 

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