रिपेयर होने के दो महीने बाद ही टूटा था दमनगंगा ब्रिज, 19 साल बाद आया कोर्ट का फैसला

गुजरात के मोरबी में पुल टूटने की घटना के बाद लोगों के जेहन ने दमनगंगा पुल टूटने की घटना की यादें ताजा हो गईं। जब अगस्त 2003 में यह पुल टूटने के 30 लोगों की मौत हो गई जिसमें 28 स्कूली बच्चे शामिल थे।
 

Manoj Kumar | Published : Nov 1, 2022 11:41 AM IST / Updated: Nov 01 2022, 05:27 PM IST

Damanganga Bridge. गुजरात के मोरबी में पुल टूटने की घटना के बाद लोगों के जेहन ने दमनगंगा पुल टूटने की घटना की यादें ताजा हो गईं। जब अगस्त 2003 में यह पुल टूटने के 30 लोगों की मौत हो गई जिसमें 28 स्कूली बच्चे शामिल थे। करीब 300 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण 1987 में किया गया था जिसका करीब 90 मीटर का हिस्सा अगस्त 2003 में भरभरा कर गिर गया। इस दुर्घटना में 28 स्कूली बच्चों सहित कुल 30 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें एक स्कूल टीचर और एक पैदल यात्री शामिल था। यह पुल करीब 40 फुट गहरे में गिरा जिसमें वाहन और लोग भी गिर गए थे।

स्कूल के सभी बच्चे सिर्फ 10 से 15 साल की आयु के बीच के थे। वे बच्चे वैन और ऑटो रिक्शा से घर वापस जा रहे थे। 2 करोड़ रुपए की लागत से इस पुल को 2001 में रिपेयर किया गया था। इसे जून 2003 में लोगों के लिए खोला गया लेकिन दो महीने बाद ही यह दर्दनाक हादसा हो गया। फरवरी 2022 में कोर्ट ने यूनियन टेरिटर दमन के एक सरकारी कर्मचारी को लापरवाही के लिए न सिर्फ 2 साल की सजा सुनाई गई बल्कि 16500 रुपए का फाइन भी लगाया गया। इस मामले में 18 अगस्त 2008 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। यह एफआईआर घटना के पांच साल बाद दर्ज की गई। आरोपितों को पब्लिक पॉपर्टी डैमेज एक्ट के तहत भी बुक किया गया।

इस मामले में पुलिस ने कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें दो सरकारी अधिकारी भी शामिल थे। दोनो अधिकारियों की केस की सुनवाई के दौरान ही मौत हो चुकी है। कोर्ट ने इनका डिस्चार्ज एप्लीकेशन स्वीकार किया। दमन और दीव के बीजेपी प्रेसीडेंट दिपेश टंडेल ने कहा कि हमारी तरह और भी कई परिवार के लोग आज भी उस घटना को याद करके अपने आंसू नहीं रोक पाते हैं। टंडेल का 13 वर्षीय साला भी उस घटना का शिकार हुआ था। टंडेल और उनके पारिवारिक सदस्यों ने मामले के जल्दी ट्रायल के लिए कोर्ट को अप्रोच किया। लेकिन इस मामले में 19 वर्ष के बाद कोर्ट का फैसला आया।

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