फील्डिंग में टपकाए कैच, चेज में नहीं दिखी कोई रणनीति, इन वजहों से फाइनल में हारी टीम इंडिया

महिला T-20 वर्ल्डकप में टीम इंडिया ने अजेय रहते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। इस दौरान लीग मैचों में भारत ने ऑस्ट्रेलिया से लेकर श्रीलंका और न्यूजीलैंड तक सभी टीमों को हराया, पर फाइनल में भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा।

मेलबर्न. महिला T-20 वर्ल्डकप में टीम इंडिया ने अजेय रहते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। इस दौरान लीग मैचों में भारत ने ऑस्ट्रेलिया से लेकर श्रीलंका और न्यूजीलैंड तक सभी टीमों को हराया, पर फाइनल में भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा। पूरे मैच में कभी ऐसा नहीं लगा कि यह वहीं टीम है जिसने अब तक टूर्नामेंट में हर टीम को हराया है। मैच की शुरुआत से ही टीम इंडिया पिछड़ गई थी और फिर कभी भी वापसी नहीं कर पाई। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने बड़ा स्कोर बनाया और फिर भारतीय टीम को 100 रन के भीतर समेटकर लगातार पांचवी बार खिताब अपने नाम किया। इस मैच में भारत ने एक के बाद एक कई गलतियां की जिसकी वजह से भारत को हार का सामना करना पड़ा। 

फाइनल के लिए नहीं दिखा कोई प्लान
ICC टूर्नामेंट के फाइनल मैच में सभी टीमें एक से ज्यादा प्लान के साथ उतरती हैं। उन्हें विपक्षी टीम की मजबूती कमजोरी और संभवित रणनीति का भी अंदाजा होता है, पर इस मैच में टीम इंडिया के खेल में कोई रणनीति नहीं दिखी। ऑस्ट्रेलिया ने फिर अपने पारंपरिक तरीके से बड़ा स्कोर बनाया, भारत को दबाव में डाला और चैंपियन बन गई। बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए भी भारत के सभी बल्लेबाज खराब शॉट खेलकर आउट होते रहे। किसी भी खिलाड़ी ने अंत तक रुककर टीम को संभालने की कोशिश नहीं की। 

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फील्डिंग में छोड़े कैच 
टीम इंडिया की फील्डिंग का स्तर भी फाइनल मैच में बहुत ही साधारण दर्जे का रहा। सभी खिलाड़ियों ने खराब फील्डिंग की और टीम की हार का कारण बने। मैच की शुरुआत में ही शेफाली वर्मा ने एलिसा का कैच छोड़ दिया , जिन्होंने बाद में 75 रनों की शानदार पारी खेली। मैच में आगे भी कैच छूटते रहे और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी उनका फायदा उठाकर रन बनाते रहे। इसी वजह से ऑस्ट्रेलिया का पहला विकेट 115 रनों पर जाकर गिरा। 

खराब शॉट खेलकर आउट हुए बल्लेबाज
भारत की पुरुष टीम के खिलाड़ी भले ही चेज मास्टर कहे जाते हों, पर महिला टीम के अंदर इस कौशल की खासी कमी दिखी। 185 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही भारतीय टीम की किसी भी खिलाड़ी ने टिककर खेलने की कोशिश नहीं की सभी खिलाड़ी हड़बड़ी में शॉट खेलकर अपने विकेट गंवाते गए। आमतौर पर जब शॉट खेलना कठिन होता है तब खिलाड़ी 2 रन भगकर रन रेट काबू में रखने की कोशिश करते हैं, पर महिला टीम में कभी भी ऐसा नहीं दिखा। 

तेज गेंदबाज की कमी खली 
भारतीय महिला टीम में अभी भी कोई बढ़िया तेज गेंदबाज नहीं है। झूलन गोस्वामी ने सालों तक विश्व क्रिकेट में राज किया, पर उनके रिटायर होने के बाद टीम में तेज गेंदबाजी ही नहीं बची है। इस मैच में भारत की तेज गेंदबाज शिखा पांडे सबसे मंहगी साबित हुई और उनकी गेंदों पर ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों ने जमकर रन बटोरे। 

शेफाली का विकेट पड़ गया भारी 
पूरे टूर्नामेंट के दौरान टीम इंडिया की ओपनर शेफाली वर्मा ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस वजह से बाकी सभी खिलाड़ियों की कमजोरियां भी नजर अंदाज हो रही थी। क्योंकि टीम मैच जीत रही थी। 185 रन का लक्ष्य भारतीय टीम के लिए किसी भी हालत में आसान नहीं था। पूरी टीम में शेफाली ही सबसे सफल बल्लेबाज थी और भारत को मैच जीतने के लिए उनका कम से कम 10 ओवर तक मैदान में रहना जरूरी था, पर शेफाली मैच की तीसरी ही गेंद पर आउट हो गई और इसके बाद टीम के सभी बल्लेबाज हड़बड़ाहट में अपना विकेट फेंकते गए। 

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