सोशल मीडिया पर ऐसा अफवाह उड़ रही है कि पाकिस्तान तेज गेंदबाज हसन अली (Hasan Ali) ने क्रिकेट इतिहास की सबसे तेज गेंद फेंकी है। इस अफवाह के बाद सोशल मीडिया पर पीसीबी (PCB) और हसन अली को फैंस द्वारा लगातार बधाई दी जा रही है।
स्पोर्ट्स डेस्क: पाकिस्तानी तेज गेंदबाज हसन अली (Hasan Ali) की बांग्लादेश के खिलाफ एक टी20 मैच में फेंकी गई गेंद काफी सुर्खियां बटोर रही है। सोशल मीडिया पर इस की स्पीड को लेकर बवाल मचा हुआ है। दरअसल बांग्लादेश के खिलाफ मैच में हसन अली की एक गेंद को स्पीड गन ने 219 किमी प्रति घंटा की गति से रिकॉर्ड कर लिया। हालांकि यह सब तकनीकी गलती के कारण हुआ। लेकिन क्रिकेट फैंस के लिए तो मानो यह विवाद का विषय हो गया। बस फिर क्या था सोशल मीडिया पर बहस चल पड़ी कि क्या हसन अली ने क्रिकेट इतिहास की सबसे तेज गेंद फेंकी है। अब जैसा की सोशल मीडिया पर अक्सर देखने को मिलता है कि आधी-अधूरी जानकारी के साथ ही कई लोग अपनी राय प्रकट करने लग जाते हैं। ऐसा ही मामले में भी हो रहा है।
उत्साहित पाक फैंस हसन अली और पीसीबी को देने लगे बधाईयां:
वैसे क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्त के नाम दर्ज है। उन्होंने साल 2003 के वनडे वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 161.3 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद फेंकी थी। 18 साल से यह रिकॉर्ड जस का तस है और इसके आसपास भी दूसरा कोई गेंदबाज नहीं पहुंच पाया है। अब एकाएक सोशल मीडिया पर हसन अली के इस रिकॉर्ड को तोड़ने की अफवाह उड़ चली। बस फिर क्या था पाकिस्तान क्रिकेट फैंस उतावलेपन में इस कदर उत्साहित हो गए कि हसन अली और पीसीबी (PCB) को टैग कर-करके पोस्ट की बाढ़ ही ला दी। अब बेचारे हसन अली और पीसीबी भी इस बात पर क्या रिप्लाई दें। बस इस अफवाह के पीछे कई लोग चल पड़े हैं जो लगातार आंख बंद कर बस पोस्ट पर पोस्ट किए जा रहे हैं बगैर इसकी सच्चाई को जाने।
टी20 वर्ल्ड कप के दौरान काफी ट्रोल हुए थे हसन अली:
इससे पूर्व हाली ही में यूएई में संपन्न हुए टी20 वर्ल्ड कप 2021 (T20 World Cup 2021) के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में एक कैच छोड़ने के कारण हसन अली को सोशल मीडिया में काफी ट्रोल किया गया था। न केवल उन्हें बल्कि उनकी भारतीय मूल की पत्नी को भी सोशल मीडिया पर काफी भला-बुरा कहा गया था। इस मामले में हसन की पत्नी आरजू ने सोशल मीडिया पर अपील की थी कि उन्हें और उनके परिवार को अनावश्यक निशाना न बनाया जाए।
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