रोहित ने स्वीकार किया कि इस तरह के 'रिव्यू' में कप्तान पूरी तरह से गेंदबाज और विकेटकीपर पर निर्भर होता है लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि पंत अभी युवा है और वह समय के साथ बेहतर फैसले करना सीख जाएंगे।
नई दिल्ली: जब सटीक 'रिव्यू' की बात आती है तो धोनी का नाम एकदम से जेहन में आ जाता लेकिन सीमित ओवरों में उनके उत्तराधिकारी ऋषभ पंत बांग्लादेश के खिलाफ रविवार को यहां पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में इस मोर्चे पर पूरी तरह से नाकाम रहे। डीआरएस को लेकर फैसले भारत के खिलाफ गए और आखिर में यह गलती टीम को महंगी पड़ी और उसे पहली बार बांग्लादेश से हार का सामना करना पड़ा।
इंडिया ने नहीं लिया 'रिव्यू'
लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल के इस ओवर की तीसरी गेंद पर मुशफिकुर रहीम पगबाधा आउट थे लेकिन भारत ने 'रिव्यू' नहीं लिया। गेंदबाज या विकेटकीपर पंत ने इसके लिए कप्तान को कोई सलाह भी नहीं दी। रहीम तब छह रन पर खेल रहे थे और बाद में वह 60 रन बनाकर नाबाद रहे। इसी ओवर की आखिरी गेंद पर सौम्या सरकार के खिलाफ पंत ने विकेट के पीछे कैच की अपील की जिसे अंपायर ने ठुकरा दिया। पंत ने रोहित पर 'डीआरएस' के लिए दबाव बनाया लेकिन 'रिव्यू' से स्पष्ट हो गया कि गेंद बल्ले से लगकर नहीं गई थी। दर्शकों ने भी 'धोनी—धोनी' की गूंज से पंत को गलती का अहसास कराया।
रोहित ने बाद में स्वीकार किया कि इस तरह के 'रिव्यू' में कप्तान पूरी तरह से गेंदबाज और विकेटकीपर पर निर्भर होता है लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि पंत अभी युवा है और वह समय के साथ बेहतर फैसले करना सीख जाएंगे।
रोहित ने लिया ऋषभ का पक्ष, बोले- फैसले करने के लिए हमें देना होगा वक्त
रोहित ने कहा, 'जब आप फैसला करने की सही स्थिति में नहीं होते हैं तो आपको फैसला लेने के लिए अपने गेंदबाज और विकेटकीपर पर भरोसा करना होता है। ऋषभ अभी युवा है और उसने बमुश्किल 10 से 12 टी20 मैच खेले हैं, इसलिए उसे इस तरह की चीजों को समझने के लिए समय देने की जरूरत है। '
रोहित ने कहा, 'वह इस तरह के फैसला कर सकता है या नहीं इस पर अभी निर्णय करना जल्दबाजी होगी। उसे ऐसे फैसले करने के लिए हमें समय देना होगा। यही बात गेंदबाज पर भी लागू होती है। जब कप्तान फैसला करने के लिए सही स्थिति में नहीं होता है तो गेंदबाज और विकेटकीपर मिलकर फैसला करते हैं। ' भारतीय कप्तान ने हालांकि माना कि अगर मुशफिकुर रहीम के खिलाफ 'रिव्यू' लेने में गलती नहीं की होती तो टीम यह मैच जीत सकती थी।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)