
नई दिल्ली. भारतीय टीम के ओपनिंग बल्लेबाज शिखर धवन 34 साल के हो चुके हैं। दिल्ली के रहने वाले शिखर धवन ने साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ भी खेलने का मौका मिला था, पर धवन इन मौकों को भुना नहीं पाए और टीम से बाहर हो गए थे। इसके बाद साल 2013 में वापसी करते हुए उन्होंने भारत के लिए टेस्ट में डेब्यू किया और इसके बाद से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
गब्बर कहलाते हैं शिखर धवन
शिखर को गब्बर नाम उनके कोच विजय दाहिया ने दिया था। दरअसल रणजी मैच के दौरान विरोधी टीम के बल्लेबाज अच्छी बैटिंग कर रहे थे और शिखर दिल्ली के लिए प्वाइंट पर खड़े होकर फील्डिंग कर रहे थे। विरोधी टीम का शानदार खेल देख दिल्ली की टीम सुस्त पड़ रही थी और सभी खिलाड़ी शांत खड़े थे। यह देख शिखर ने उन्हें जगाते हुए कहा "सुअर के बच्चों।" धवन की बात पर अंपायर भी कोई नाराजगी नहीं जता सके क्योंकि उन्होंने किसी को व्यक्तिगत रूप या सामूहिक रूप से बुरा-भला नहीं कहा था। शिखर की बात सुनकर मैदान में सभी लोग हंसने लगे थे और उनकी सोती टीम फिर से जाग उठी थी। इसी घटना के बाद से शिखर के कोच विजह दाहिया ने उन्हें गब्बर कहना शुरू कर दिया था।
2013 में भारतीय टीम में वापसी करने के बाद शिखर ने टेस्ट के साथ वनडे और T-20 में भी अपनी जगह पक्की की। हालांकि बाद में खराब प्रदर्शन के चलते उन्हें टेस्ट टीम से बाहर होना पड़ा पर धवन वनडे टीम में भारत के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं। धवन के खासकर ICC के टूर्नामेंट बहुत पसंद आते हैं। 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में बी शिखर धवन ने गोल्डन बैट का अवार्ड जीता था। इसके अलावा धवन ने 2015 विश्वकप में भी बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया था।