भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने टीम इंडिया के साथ जरूरत से ज्यादा सपोर्ट स्टॉफ होने पर सवाल खड़ा किया है। गावस्कर का कहना है कि जब टीम में सपोर्ट स्टाफ ज्यादा होता है तो खिलाड़ियों को सबकी सुननी होती है।
Team India Support Staff. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने टीम के साथ जुड़े सपोर्ट स्टॉफ को लेकर सवाल उठाया है। गावस्कर का कहना है कि ज्यादा लोगों की बातें सुनने की वजह से खिलाड़ी कन्फ्यूज हो जाते हैं और बेहतर परफार्मेंस नहीं कर पाते। वहीं गावस्कर के सवाल पर क्रिकेट फैंस ने भी कई सवाल दागे हैं कि जब टीम के कोच, कप्तान और इतने सारे सपोर्ट स्टॉफ अंतिम मैच तक यह क्लीयर नहीं कर पाए कि अंतिम एकादश में दिनेश कार्तिक खेलेंगे या फिर रिषभ पंत तो फिर उनकी जरूरत ही क्या है। गावस्कर तो ज्यादा सपोर्ट स्टाफ को टीम के लिए कन्फ्यूजन तक करार देते हैं।
आखिर क्या कहा गावस्कर ने
भारत के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने हालिया इंटरव्यू के दौरान टी20 विश्वकप में टीम इंडिया की कई खामियों पर बेबाक राय रखी। गावस्कर ने कहा कि जब आपके पास ऑलटाइम फेवरेट राहुल द्रविड़ जैसा बल्लेबाज और कोच है तो अलग से बैटिंग कोच रखने की क्या जरूरत है। राहुल कुछ और बताएंगे तो विक्रम राठौर कुछ और बताएंगे। इसके बाद जब बल्लेबाज क्रीज पर जाएगा तो वह कुछ ही कर बैठेगा। गावस्कर ने साफ-साफ कहा कि यह सभी को समझना चाहिए कि ज्यादा सपोर्ट स्टाफ की जरूरत नहीं है। टीम के साथ केवल उन्हीं को भेजना चाहिए जिनका जरूरत है।
कन्फ्यूज हो जाते हैं खिलाड़ी
सुनील गावस्कर ने 1983 की विश्वविजेता टीम और 2011 की वर्ल्डकप चैंपियन टीमों का उदारहण दिया। गावस्कर का कहना था कि 1983 में भी टीम के साथ ज्यादा सपोर्ट स्टॉफ नहीं था। उस वक्त तो केवल एक मैनेजर ही टीम के साथ होते थे। 1985 में भी यह स्थितियां थी। गावस्कर ने कहा कि 2011 में जिस टीम ने वनडे विश्वकप जीता, उसके साथ भी ज्यादा सपोर्ट स्टॉफ नहीं था। गावस्कर ने कहा कि मैं तो इस बात से हैरान हूं कि टीम के सदस्यों से ज्यादा तो आपके पास सपोर्ट स्टाफ है। ऐसे में प्लेयर कन्फ्यूज हो जाते हैं कि किसकी सुनें और किसे अनसुना करें।
टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया
टी20 विश्वकप 2022 में भारतीय टीम ने सुपर-12 के 6 मुकाबलों में से 4 में जीत दर्ज की। इसके बाद टीम सेमीफाइनल में पहुंची लेकिन वहां इंग्लैंड की टीम ने भारत को 10 विकेट से हरा दिया। इतना ही नहीं इंग्लैंड ने फाइनल में पाकिस्तान को भी 5 विकेट से हराकर विश्व चैंपियन बनने का ख्वाब पूरा किया।
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